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डॉ बिनायक सेन को देशद्रोह के मामले में उम्रकैद की सजा

नागरिक अधिकार कार्यकर्ता डॉ बिनायक सेन को रायपुर की अदालत ने देशद्रोह और विश्वासघात का दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है.

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नागरिक अधिकार कार्यकर्ता डॉ बिनायक सेन को रायपुर की अदालत ने देशद्रोह और विश्वासघात का दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. नक्सली नेता नारायण सान्याल और कोलकाता के व्यापारी पीयूष गुहा पर माओवादियों की मदद का आरोप साबित हुआ है. इसी के साथ इन दोनों को भी उम्रकैद मिली है.

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डॉ बिनायक सेन पर अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि नारायण सान्याल के संदेश और खत वह भूमिगत माओवादियों तक पहुंचा रहे हैं. पीयूष गुहा को भी माओवादी तंत्र को स्थापित करने में मदद का दोषी पाया गया है. डॉ बिनायक सेन को 14 मई 2007 को बिलासपुर से गिरफ्तार किया गया था.

2007 में गिरफ्तारी के बाद डॉ सेन ने कहा, "मैंने कभी माओवादी हिंसा का समर्थन नहीं किया. यह गलत है और लंबे समय तक चलने वाला आंदोलन नहीं है." डॉ सेन को दोषी करार दिए जाने के बाद उनकी पत्नी एलिना सेन ने कहा, "जो भी कानूनी रास्ता हमारे पास है हम उसका सहारा लेंगे. इसमें कुछ दिन लगेंगे क्योंकि बड़ी अदालतों में छुट्टियां चल रही हैं. यह ऐसा फैसला है जिससे मैं बिलकुल सहमत नहीं हो सकती. इस आरोप को साबित करने के समर्थन में एक भी सबूत नहीं दिया गया."

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