दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा 16 हजार फ्लैटों के आवंटन के लिए सोमवार को समीपवर्ती नोएडा में भारी सुरक्षा के बीच ड्रॉ निकाला गया. इन फ्लैटों के लिए 7.53 लाख आवेदन किये गये थे.
ड्रॉ देखने के लिए यहां क्लिक करें www.dda.org.in
फ्लैटों के आवंटन के लिए नोएडा में भारी सुरक्षा के बीच साढ़े सात लाख आवेदकों में से ड्रॉ निकालकर भाग्यशाली लोगों का नाम निकाला गया. प्राधिकरण ने ड्रॉ का परिणाम अपनी वेबसाइट पर डाल दिया है.
डीडीए के एक प्रवक्ता ने कहा कि सफल आवेदकों की सूची मंगल को अखबारों में भी प्रकाशित की जाएगी. ड्रॉ स्थल में प्रवेश पर पाबंदी लगाये जाने के कारण हजारों आवेदक नोएडा सेक्टर 62 स्थित सेन्टर फार डेवलपमेंट आफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (सी-डेक) के कार्यालय के बाहर जमा हो गये.
डीडीए ने ड्रॉ के लिए सी-डेक की मदद ली थी. ड्रॉ निकालने की प्रक्रिया दो घंटे 45 मिनट तक चली. ड्रॉ की प्रक्रिया सीधे तौर पर या वीडियो स्क्रीन से भी नहीं देख पाने के बाद वहां पहुंचे हजारों लोग निराश हुए. कई लोगों को शिकायत करते सुना गया कि वह यह जानकारी मिलने के बाद काफी दूर से आये हैं कि जनता के लिए स्क्रीन लगाई जाएंगी. कुछ ने कहा कि पिछली बार अनियमितताओं के आरोपों के बाद डीडीए को प्रक्रिया पारदर्शी बनानी चाहिए थी.
पिछली बार ड्रॉ में अनियमितताओं के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर डीडीए अधिकारियों ने कहा कि स्वतंत्र पर्यवेक्षक प्रक्रिया के दौरान मौजूद थे. जिस जगह ड्रॉ निकाले जा रहे थे, वहां केवल चंद मीडियाकर्मियों को जाने की इजाजत दी गयी. उन्होंने पहली मंजिल पर स्क्रीन पर प्रक्रिया देखी जबकि भूतल पर निकाले गये ड्रॉ में अधिकारियों के साथ पर्यवेक्षक शामिल थे. इनमें आईसीआरआईएसएटी के प्रभात कुमार, गर्वनेंस नाऊ के संपादक बीवी राव, पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय में निदेशक उदय शंकर और साकेत के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सी.के. चतुर्वेदी थे.
डीडीए ने पहले कहा था कि सी-डैक परिसर में सीमित जगह होने के चलते सभी को ड्रॉ देखने की अनुमति देना मुश्किल होगा. पहली बार ड्रॉ डीडीए मुख्यालय में नहीं बल्कि नोएडा में कराया गया है क्योंकि प्राधिकरण के अनुसार केवल सी-डैक के पास ड्रॉ के लिए जरूरी उपकरण हैं. एक अधिकारी ने बताया, ‘सभी सफल आवेदकों को अगले 15 दिन के भीतर आवंटन पत्र जारी कर दिया जाएगा.’ सफल लोगों को अपने मूल दस्तावेजों के साथ डीडीए दफ्तर आना होगा.
अधिकारी ने कहा, ‘दस्तावेजों की वास्तविकता का सत्यापन होने के बाद ही सफल आवेदकों को मांग पत्र जारी किये जाएंगे.’ असफल आवेदकों को अप्रैल के अंत तक रिफंड चैक दिये जाएंगे. इमारत के आसपास बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी कर्मी तैनात थे तथा क्षेत्र से यातायात का मार्ग बदल दिया गया था. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पांच दमकल गाड़िया भी वहां मौजूद थीं.