अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल पाकिस्तानी कट्टरपंथी संगठनों पर ड्रोन हमले रोकने का ह्वाइट हाउस का कोई इरादा नहीं है. इस बयान के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के बीच कूटनीतिक तनाव फिर तेज़ होने के आसार हैं.
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यदि सीआईए के ड्रोन विमानों की नजर में कोई संदिग्ध आतंकवादी नजर आता है तो उस पर हमला किया जायेगा.
यह पहला मौका नहीं है जब अमेरिका ने पाकिस्तानी संसद द्वारा इन हमलों के खात्मे के लिये अपील को नजरंदाज किया है.
हालांकि पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि इस बार हालात दूसरे हैं. अब पाकिस्तान सरकार और कमजोर स्थिति में है. अब जब वह अमेरिकी कार्रवाई की सार्वजनिक रूप से निंदा करता है तो उसे शांति से बर्दाश्त नहीं करेगा.
पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्तों में पिछले साल रे डेविस प्रकरण और ओसामा बिन लादेन के पाकिस्तान में पाये जाने जैसे अन्य घटनाक्रम के बाद खटास आई थी. नवंबर में जब अमेरिकी सेना ने 24 पाक सैनिकों को मार गिराया था तो दोनों देशों के रिश्ते सबसे बुरे स्तर पर पहुंच गये.