कांग्रेस ने कहा है कि बसपा के चुनाव चिह्न हाथी को ढंकने के कांग्रेस के निर्णय से अंतत: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को ही फायदा होगा क्योंकि अगर इन्हें नहीं ढंका जाता तो लोग बसपा के खिलाफ बदला लेने की भावना से वोट करते.
पार्टी ने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती की भी आलोचना की. पार्टी ने उनके इस बयान के लिये उनकी आलोचना की कि कांशीराम की इच्छा से ये मूर्तियां लगवाई गई थीं.
पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, ‘इस आदेश से अंतत: बसपा को ही लाभ होगा क्योंकि उत्तर प्रदेश के लोग सार्वजनिक स्थानों पर उनकी मूर्तियों और पार्टी के चिह्न से खफा थे. वे मायावती सरकार के खिलाफ बदले की भावना से वोट डालते.’
अल्वी ने कहा, ‘उनकी प्रतिमाओं के साथ ही पार्टी के प्रतीक चिह्न को ढंकने से लोगों का गुस्सा कम होगा और वह लोगों के गुस्से से बच सकती हैं.’
मायावती ने पहले कहा था कि चुनाव आयोग को कांग्रेस के चुनाव चिह्न ‘हाथ’ और रालोद के ‘हैंडपंप’ को भी हाथी की प्रतिमाओं की तरह ढंकना चाहिए.
उन्होंने लखनऊ में कहा था, ‘अगर इन दोनों पार्टियों के चुनाव चिह्नों से संबंधित निर्णय चुनाव आयोग नहीं लेता, तो लोग समझेंगे कि यह निर्णय (बसपा को लेकर) दलित विरोधी और जातिवादी मानसिकता से लिया गया और केंद्र में कांग्रेस नीत सरकार के दबाव में लिया गया.’