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मिस्र में संविधान सुधार के लिए समिति गठित, 2 अधिकारी बर्खास्‍त

मिस्र की कार्यवाहक सरकार ने संविधान को फिर से लिखने के लिए एक समिति का गठन किया है, जिसमें कट्टरपंथी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड के एक प्रतिनिधि को शामिल किया गया है. इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में दो अधिकारियों को बर्खास्‍त कर दिया गया है.

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मिस्र की कार्यवाहक सरकार ने संविधान को फिर से लिखने के लिए एक समिति का गठन किया है, जिसमें कट्टरपंथी संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड के एक प्रतिनिधि को शामिल किया गया है.

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इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में दो अधिकारियों को बर्खास्‍त कर दिया गया है. इस समिति की अध्यक्षता अवकाश प्राप्त न्यायाधीश तारिक अल-बिशरी कर रहे हैं. इसमें कुल 8 सदस्य हैं. यह समिति संविधान को फिर से लिखने के साथ ही राजनीतिक सुधार के संदर्भ में अपने सुझाव भी देगी.

अल-बिशरी ने कहा, ‘मुझे ‘सर्वोच्च सैन्य परिषद’ की ओर से चुना गया है. मैं संविधान में संशोधनों के संदर्भ में गठित समिति की अध्यक्षता करूंगा.’ कार्यवाहक सरकार की भूमिका निभा रही ‘सर्वोच्च सैन्य परिषद’ की ओर से कहा गया है कि संविधान को 10 दिनों के भीतर फिर से लिख दिया जाएगा और इसके बाद इसे जनमत संग्रह के लिए जनता के समक्ष पेश किया जाएगा.

कार्यवाहक सरकार ने इस समिति में ब्रदरहुड के सोभी सालेह को भी शामिल किया है. राजनीतिक सुधार के संदर्भ में इसे महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. यह संगठन आगे चलकर आधिकारिक तौर पर राजनीतिक दल बनने के लिए आवेदन करेगा.

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समाचार चैनल अलजजीरा के मुताबिक कार्यवाहक सरकार ने गृह मंत्रालय में जनसुरक्षा मामलों के निदेशक आदिल फायेद और काहिरा के सुरक्षा प्रमुख इस्माइल अल शाएर को बर्खास्‍त कर दिया है. इन पर आरोप था कि इन्होंने विरोध प्रदर्शनों के समय स्थिति को सही ढंग से नहीं संभाला. कार्यवाहक सरकार ने अमेरिका तथा यूरोपीय संघ से पूर्व राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक के करीबी सहयोगियों की संपत्ति सील करने को भी कहा है लेकिन मुबारक की संपत्ति के बारे में चुप्पी साधे रखी है. {mospagebreak}

ओबामा प्रशासन ने मिस्र को संदेश भेजा है कि वह उसकी अपील का अध्ययन कर रहा है तो वहीं यूरोपीय मंत्रियों की इस मसले पर फैसला लेने के लिए ब्रुसेल्स में बैठक हो रही है. अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन को मुबारक के शासनकाल में कुछ वरिष्ठ पदों पर रहे अधिकारियों की संपत्ति को सील करने की अपील मिली है लेकिन अपदस्थ राष्ट्रपति की संपत्ति को सील करने के बारे में कोई अनुरोध नहीं किया गया है.

मिस्र के साथ ही अमेरिकी अधिकारियों ने ऐसे लोगों की पहचान का खुलासा करने से इनकार कर दिया और न ही यह बताया कि क्या इनमें मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति के बेटों की संपत्ति भी शामिल है. मीडिया के अनुसार मिस्र पर 30 साल तक डंडे के जोर पर राज करने वाले मुबारक की संपत्ति का अनुमान 60 से 70 अरब डॉलर लगाया गया है लेकिन बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि असली आंकड़ा पांच अरब डॉलर तक हो सकता है.

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मिस्र के प्रशासन ने मुबारक सरकार के सभी पूर्व शीर्ष अधिकारियों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है. ये अधिकारी केवल सेना या सरकारी वकील से अनुमति लेकर ही विदेश यात्रा कर सकते हैं. कर वंचना के हिसाब से स्वर्ग माने जाने वाले स्विट्जरलैंड ने पहले ही मुबारक या उनके किसी भी सहयोगी की संपत्ति को सील करने का आदेश दे दिया है. {mospagebreak}

मुबारक सरकार के पतन के कुछ ही घंटों के भीतर स्विस सरकार ने यह घोषणा कर दी थी. इस बीच ऐसी रिपोर्टें मिली हैं कि मुबारक अमीरात में शरण मांग सकते हैं. फिलहाल वह मिस्र में ही रिजोर्ट शहर शर्म अल शेख में हैं. उनके बारे में यह भी बताया गया है कि वह ‘बीमार हैं और बिस्तर पर पड़े’ हैं. उनकी हालत यहां तक खराब बतायी जा रही है कि वह बिना सहायता के चल भी नहीं पा रहे हैं.

मिस्र दैनिक ‘अल मसरी अल यौम’ ने बताया है कि रिसोर्ट में आने के बाद से ही 82 वर्षीय मुबारक काफी बीमार पड़ गए हैं और कोमा में चले गए हैं. उन्होंने मिस्र पर 30 साल तक राज किया था. सरकारी मीडिया ने इसका खंडन किया है.

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