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मिस्र में संकट बरकरार, विपक्षी दल अड़े

मिस्र में सरकार और विपक्ष के बीच संवैधानिक सुधारों के अध्ययन के लिए एक समिति गठित करने पर सहमति भले ही बन गई हो, लेकिन राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को लेकर गतिरोध कायम है.

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मिस्र में सरकार और विपक्ष के बीच संवैधानिक सुधारों के अध्ययन के लिए एक समिति गठित करने पर सहमति भले ही बन गई हो, लेकिन राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को लेकर गतिरोध कायम है.

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प्रदर्शनकारी मुबारक के पद छोड़ने की मांग पर अड़े हुए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी स्पष्ट संकेत दिया कि संकट का सामना कर रहे मुबारक के लिए अब कोई भूमिका नहीं है और मिस्र में विरोध पूर्व के युग में जाना नामुमकिन है. उन्होंने कहा कि अमेरिका मिस्र में भविष्य की सरकार के साथ काम करने को तैयार है.

काहिरा के तहरीर चौक पर सोमवार को भी हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हैं. बीते 14 दिनों से मुबारक के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. विपक्षी नेताओं ने रविवार को उप राष्ट्रपति उमर सुलेमान से मुलाकात की थी, लेकिन वह सरकार के साथ किसी समझौते पर पहुंचने को लेकर बहुत आशावान नहीं हैं. प्रतिबंधित संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड भी वार्ता में शामिल हुआ था. {mospagebreak}

ब्रदरहुड के नेता अब्दुल मुनीम अबुल फोतूह ने कहा, ‘हम इसे वार्ता नहीं कह सकते. लोकतांत्रिक चरण के आरंभ होने से पहले मुबारक का पद छोड़ना जरूरी है.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे फिलहाल कोई गंभीरता नजर नहीं आई है. सरकार जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम उठाने में नाकाम रही है. अगर सरकार गंभीर होती तो अब तक संसद को भंग किया जा चुका होता.’

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प्रदर्शनों के दौरान एक बड़े नेता के रूप में उभरे मोहम्मद अलबरदई को रविवार की बैठक में नहीं बुलाया गया था. इस ‘वार्ता’ के बारे में उन्होंने कहा, ‘यह कोई नहीं जानता कि कौन किससे बात कर रहा है.’

उधर, मिस्र में ‘जिम्मेदार और प्रतिनिधित्व प्रणाली की सरकार’ की वकालत करते हुए ओबामा ने अरब देश में ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ द्वारा बड़ी भूमिका निभाए जाने की संभावना को तवज्जो नहीं दी. ओबामा ने कहा ‘मेरा मानना है कि मुस्लिम ब्रदरहुड एक गुट है. उसे मिस्र में व्यापक समर्थन हासिल नहीं है.’ {mospagebreak}

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मिस्र में जारी अस्थिरता से प्रतिनिधित्व प्रणाली की सरकार उभरकर आएगी और अमेरिका उसके साथ काम कर सकता है. ओबामा ने कट्टरपंथी संगठन माने जाते रहे ब्रदरहुड की भूमिका पर अपनी पहली टिप्पणी में कहा ‘मिस्र को शांतिपूर्ण और सुव्यवस्थित तरीके से हस्तांतरण की जरूरत है लेकिन यहां हमें समझना होगा कि मिस्र में धर्म निरपेक्ष शिक्षाविद और नागरिक समाज के लोग हैं जो आगे आना चाहते हैं.’

मिस्र के प्रतिबंधित समूह के संबंध में अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि वह इस बारे में अनुमान व्यक्त नहीं करेंगी कि राजनीतिक प्रक्रिया में किसको भाग लेना चाहिए और किसको नहीं. ब्रदरहुड के राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल होने के बारे में उन्होंने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन से लौटते वक्त कहा ‘यह फैसला उन्हें करना है कि कौन योग्य है. हम समावेशी प्रक्रिया देखना चाहते हैं.’

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