मिस्र में राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक को सत्ता से बेदखल करने के लिए हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच सरकार और विपक्ष के बीच एक समिति गठित करने को लेकर सहमति बन गई. यह समिति सत्ता परिवर्तन के संदर्भ में जरूरी संवैधानिक सुधारों का अध्ययन करेगी. दूसरी ओर राष्ट्रपति के पद छोड़ने का फिलहाल कोई संकेत नहीं मिला है.
प्रतिबंधित संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड सहित विपक्षी दलों और सत्ता पक्ष के बीच बातचीत हुई. बीते 13 दिनों चल रही अस्थिरता के बीच पहली बार दोनों के पक्ष किसी बिंदु पर सहमत हुए हैं. बातचीत में मोहम्मद अलबरदई मौजूद नहीं रहे.
सरकारी मीडिया का कहना है कि पहले दिन की वार्ता में एक समिति गठित किए जाने पर सहमति बनी है, जिसमें राजनीति और न्यायिक क्षेत्र से जुड़ी हस्तियां शामिल रहेंगी. यह समिति राष्ट्रपति के कार्यकाल को सीमित करने और इस पद की पात्रता सुनिश्चित करने सहित कई संवैधानिक सुधारों पर गौर करेगी.
इस सहमति पर विपक्षी खेमे से कोई पुष्टि नहीं गई है. यह समिति मार्च के पहले सप्ताह तक अपने सुझाव देगी और फिर आगे की कार्रवाई की जाएगी. विपक्षी दलों ने सत्ता परिवर्तन की प्रक्रिया पूरा होने तक उप राष्ट्रपति उमर सुलेमान से सत्ता संभालने का आग्रह किया, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया. ब्रदरहुड सहित विपक्षी दलों ने आज अपनी मांगों को लेकर सुलेमान से मुलाकात की. दूसरी ओर सरकार विरोधी प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के सम्मान में आज हजारों लोगों ने ‘शहीद दिवस’ मनाया.{mospagebreak}
संकट के समाधान की दिशा में अमेरिका ने भी अपने प्रयास बढ़ा दिए हैं. देश के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक के पुत्र जमाल और सत्ताधारी दल के अन्य आला नेता पहले ही अपने पद छोड़ चुके हैं.
बीते 13 दिन से चल रहे इस टकराव को खत्म करने के उद्देश्य से विपक्षी दलों और सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बातचीत आरंभ हुई है. मुस्लिम ब्रदरहुड की वेबसाइट के अनुसार उसके नेताओं ने सरकार के साथ बातचीत आरंभ कर दी है. उनकी मांग है कि सरकार की ओर से लागू किए गए आपातकालीन कानून को खत्म करके शांतिपूर्ण प्रदर्शन की इजाजत दी जाए.
ब्रदरहुड के प्रवक्ता जमाल अबुल नसीर ने कहा, ‘‘हमने यह जानने के लिए बातचीत आरंभ की है कि जनता की मांगों के प्रति सरकार कितनी गंभीर है.’’ बातचीत का अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने भी समर्थन किया है. प्रदर्शनकारी भारी बारिश के बीच भी कल पूरी रात तहरीर चौक पर डटे रहे. यह चौक मुबारक के खिलाफ प्रदर्शन का केंद्र बना हुआ है. अल-जजीरा ने बताया कि तहरीर चौक पर माहौल पहले की अपेक्षा कुछ शांत हुआ है.{mospagebreak}
प्रदर्शनकारी मुबारक की सत्ता को फौरन उखाड़ फेंकने की अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं. तहरीर चौक पर पिछले कई दिन से डटे छात्र अहमद अब्देल मोनिम ने कहा, ‘‘मुबारक से छुटकारा पाने के लिए अगर हमें पूरा जीवन ऐसे ही बिताना पड़े, तो भी हम बिता देंगे.’’
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मिस्र के हालात के बारे में कई वैश्विक नेताओं से चर्चा की. व्हाइट हाउस ने बताया कि ओबामा ने इस बारे में यूएई के शहजादे मोहम्मद बिन जायेद, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से बातचीत की.
इसमें कहा गया है, ‘‘राष्ट्रपति ने संवाददाताओं और मानवाधिकार संगठनों को निशाना बनाने पर अपनी गंभीर चिंता जाहिर की. उन्होंने एक बार फिर इस बात पर जोर दिया कि मिस्र सरकार की अपने लोगों की रक्षा करने और गलत तरीके से हिरासत में लिए लोगों के अधिकारों के संरक्षण की जिम्मेदारी है.’’ अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बाइडेन ने मिस्र के अपने नए समकक्ष उमर सुलेमान से भी देश के संकट के बारे में बातचीत की.