मध्य प्रदेश में बिजली महंगी हो गई है. विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दर में औसतन लगभग सात दशमलव 17 फीसदी का इजाफा किया है. नई दरें 10 अप्रैल से लागू होगी. वहीं राज्य सरकार ने किसानों पर आने वाले बोझ को खुद वहन करने का एलान किया है.
घरेलू उपभोक्ताओं को 50 यूनिट तक का उपयोग करने पर तीन रुपये 40 पैसे की दर से भुगतान करना होगा. अभी तक इस श्रेणी के उपभोक्ता तीन रुपये 30 पैसे की दर से भुगतान करते थे. इसी तरह 51 से 100 यूनिट तक का उपयोग करने पर उपभोक्ता को तीन रुपये 85 पैसे प्रति यूनिट का भुगतान करना होगा, इस श्रेणी में 10 पैसा प्रति यूनिट का इजाफा हुआ है. इसी तरह 101 सें 300 यूनिट का उपयोग करने पर चार रुपये 80 पैसे प्रति यूनिट की दर तय की गई है. 101 से 200 यूनिट के स्लेब खत्म कर दिया गया है.
विद्युत नियामक की नई दरों के मुताबिक 301 से 500 यूनिट पर पांच रुपए 20 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिल की वसूली की जाएगी. इसके अलावा 501 से ज्यादा यूनिट बिजली खर्च करने वालों को पांच रुपए 55 पैसे की दर से भुगतान करना होगा.
बिजली की नई दरों के मुताबिक किसानों द्वारा पम्प के लिए बिजली का उपयोग करना पहले से छह दशमलव शून्य सात प्रतिशत महंगा हो गया है. इसी तरह कृषि कार्य पर खर्च होने वाली बिजली छह दशमलव 54 प्रतिशत महंगी पड़ेगी.
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिजली दरों में हुए इजाफे से किसानों पर पड़ने वाली मार से राहत दिलाने का एलान किया है. उन्होंने कहा है कि बढ़ी हुई दरों का बोझ किसानों पर नहीं आएगा बल्कि राज्य सरकार किसानों को सब्सिडी देगी. उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार किसानों को 1400 करोड़ की सब्सिडी दे रही है, जरुरत पड़ने पर सब्सिडी बढ़ाकर बिजली की बढ़ी बिजली दर का पैसा राज्य सरकार के खजाने से दिया जाएगा.