भगवान राम को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी के दिए बयान से साधु-संत भी नाराज है.
विवादों में जेठमलानी, कहा राम थे खराब पति
अयोध्या के साधु समाज ने कहा है कि राम जेठमलानी को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए. जब जेठमलानी को रामायण और धर्म का ज्ञान नहीं है तो राम जैसे आदर्श चरित्र पर उंगली नहीं उठानी चाहिए.
वहीं विश्व हिंदू परिष्द के प्रवीण तोगड़िया ने भी राम जेठमलानी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ऐसा कह कर जेठमलानी ने अपने पिता का अपमान किया है जो एक राम भक्त थे और उन्ही के नाम पर उनका नाम राम रखा.
बुरे पति थे राम: जेठमलानी
जेठमलानी ने गुरुवार को ‘रामायण के मुख्य नायक राम’ को ‘बुरा पति’ करार दिया था. स्त्री-पुरूष संबंधों पर लिखी गई एक किताब के विमोचन समारोह में जेठमलानी ने कहा था कि राम बुरे पति थे, मैं उन्हें पसंद नहीं करता. उन्होंने सिर्फ इसलिए बेचारी महिला (सीता) को निर्वासन में भेज दिया कि किसी मछुआरे ने कुछ कह दिया था.
जेठमलानी ने लक्ष्मण के बारे में कहा कि वह तो ‘और बुरे’ थे. उन्होंने कहा ‘जब सीता का हरण हुआ तो राम ने उन्हें (लक्ष्मण को) जा कर सीता का पता लगाने को कहा क्योंकि हरण के दौरान सीता की देखरेख का जिम्मा उन्हीं का (लक्ष्मण का) था. तब लक्ष्मण ने कह दिया कि वह (सीता) तो उनकी भाभी हैं और उन्होंने कभी उनका चेहरा नहीं देखा है, इसलिए वह उन्हें पहचान नहीं सकेंगे.
इससे पहले, जेठमलानी ने धर्म के उपयोग के खिलाफ कहा कि आज हम एक चौराहे पर खड़े हैं. धर्म पूरी तरह बदल गया है. धर्म ने आतंक पैदा किया है. धर्म उन लोगों को पैदा कर रहा है जो हत्या के लिए फतवा जारी करते हैं.