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एक्‍सक्‍लूसिव: नीरा के पूर्व सहयोगी ने खोले कई राज

आज हम आपको सुनाने जा रहे हैं एक ऐसी बातचीत जिसे यकीनन नीरा राडिया सुनना पसंद नहीं करेंगी. एक ऐसी बातचीत जो उन्हें और मुश्किल में डाल सकती है. ये बातचीत है नीरा राडिया के पूर्व सहयोगी राव धीरज सिंह की. जिनका दावा है कि वो राडिया के सौदों और गोपनीय खजाने के बारे में भी जानते हैं. धीरज सिंह ने ये भी दावा किया है कि राडिया के बीजेपी से करीबी रिश्ते थे.

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आज हम आपको सुनाने जा रहे हैं एक ऐसी बातचीत जिसे यकीनन नीरा राडिया सुनना पसंद नहीं करेंगी. एक ऐसी बातचीत जो उन्हें और मुश्किल में डाल सकती है. ये बातचीत है नीरा राडिया के पूर्व सहयोगी राव धीरज सिंह की. जिनका दावा है कि वो राडिया के सौदों और गोपनीय खजाने के बारे में भी जानते हैं. धीरज सिंह ने ये भी दावा किया है कि राडिया के बीजेपी से करीबी रिश्ते थे.

पेश है इंडिया टुडे के सीनियर एडिटर आशीष खेतान की खोजी रिपोर्ट. ये सनसनीखेज दावा उस शख्स का हैं जो खुद को कॉरपोरेट लाबिइस्ट नीरा राडिया को बेहद करीब से जानने वाला बताया है. राव धीरेंद्र सिंह हरियाणा के वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर हैं.

हेडलाइन्स टुडे के पास एक्सक्लूसिव दस्तावेज हैं जिसमें नीरा राडिया श्रीमती धीरज सिंह के रूप में दर्ज हैं. धीरज सिंह के अमेरिकन एक्सप्रेस गोल्ड कार्ड आवेदन के बीमा दस्तावेज में लाभार्थी के रूप में नीरा राडिया का नाम दर्ज है. जिसमें कार्ड मेम्बर से रिश्ता पत्नी का दिखाया गया है. इस दस्तावेज में 13 मई 1999 की तारीख दर्ज है. राव धीरज सिंह नीरा के बिजनेस पार्टनर भी रहे हैं.

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राडिया टेप लीक होने के बाद मीडिया के साथ अपनी पहली बातचीत में धीरज ने 1995 से 2002 के बीच नीरा की बिजनेस डीलिंग के बारे में विस्फोटक दावे किए. उस समय राडिया के क्राउन मार्ट इंटरनेशनल (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड से धीरज काफी नजदीक से जुड़े हुए थे.

धीरज ने दावे के साथ हमें बताया कि 1998 में बीजेपी नीत एनडीए सरकार के आने और अनंत कुमार के नागरिक उड्डयन मंत्री बनने के बाद नीरा का प्रभाव कैसे बढ़ना शुरू हुआ. उन्‍होंने कहा कि वास्तव में ये बीजेपी का शासन था जब हमारे लिए सब कुछ सही होना शुरू हो गया. केएलएम यूके डील के बाद कई सारी कंपनियों ने उनसे संपर्क साधना शुरू कर दिया.{mospagebreak}

उन्‍होंने कहा कि हमने कुछ हैलिकॉप्टर सहारा को बेचे. एयरबस के कंसोर्टियम ने हमारा समर्थन शुरू कर दिया. कर्नाटक, महाराष्ट्र की सरकारों को यूरोकॉप्टर्स बेचे गए. महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार थी. अनंत कुमार के साथ राडिया के अच्छे रिश्ते थे. उन्होंने हमारे लिए सारा प्रबंध किया. नीरा को ढेर सारी सूचनाएं, कैबिनेट पेपर्स, कैबिनेट बैठकों के मिनिट्स अनंत कुमार और दूसरे लोगों से मिलते रहते थे. इसके बाद इसे फ्रांस और सभी जगहों पर उनके क्लाइंट्स को इसे भेज दिया जाता था. एक वक्त तो ऐसा भी था, जब वो रक्षा सौदे में भी घुसना चाहती थीं.

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धीरज सिंह का इल्जाम है कि अनंत कुमार के अलावा भी बीजेपी सरकार में राडिया के नजदीकी रिश्ते थे. धीरज के अनुसार बीजेपी सरकार ने 2002 में वसंत कुंज में नीरा के ट्रस्ट को जमीन का एक बड़ा टुकड़ा आवंटित किया था. लालकृष्‍ण आडवाणी उसका शिलान्यास करने आए थे. हालांकि बाद में धीरज को तकरीबन दो साल जेल में बिताने पड़े. राडिया ने उन पर अपने बेटे करण के अपहरण का इल्जाम लगाया था.

नीरा राडिया के पूर्व बिजनेस पार्टनर धीरज सिंह ने हमें बताया कि नीरा कैसे अपना बिजनेस चलाती थीं. उन्होंने बताया कि सरकारी सौदे पटाकर उन्होंने कैसे पैसा बनाया और कैसे स्विटजरलैंड और चैनल आइलैंड के बैंकों में पैसे जमा किए. धीरज सिंह ने दावा किया कि भारत में बिजनेस साम्राज्य खड़ा करने के बाद नीरा उड्डयन क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों केएलएल यूके और एयरबस कंसोर्टियम से सौदा करने लगी थीं. सिंह वो सौदा याद करते हैं जिसके बारे में उनका दावा है कि दिल्ली में नीरा की कंपनी क्राउन मार्ट के लिए ये पहला बड़ा सौदा था.{mospagebreak}

ज्यादा सौदे के मतलब ज्यादा कमीशन. धीरेंद्र का दावा है कि जब पैसा बरसने लगा तो राडिया ने स्विटजरलैंड में खाता खोल लिया. धीरज सिंह ने ये भी दावा किया कि राडिया की कंपनी क्राउन मॉर्ट इंटरनेशनल ने जो पैसे कमाए उसका एक बड़ा हिस्सा उनके ज्यूरिख बैंक खाते में भी गया. धीरज के मुताबिक जब राडिया टाटा ग्रुप के पीआर अकाउंट्स से जुड़ीं तो उन्होंने ज्यूरिख से अपना पैसा भारत लाने की कोशिश की.

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आजतक ये साफ करना चाहता है कि हमारा कोई एजेंडा नहीं है बल्कि हम उस खबर को फॉलो कर रहे हैं जिस पर लोगों में खासी चर्चा है. टीवीटीएन में 51 फीसदी से ज्यादा लिविंग मीडिया की हिस्सेदारी है. शेष हिस्सेदारी आम लोगों और वित्तीय संस्थानों की है. शेयरधारकों का हमपर कोई दबाव नहीं है. दरअसल हमने मिस राडिया को उनकी बात रखने और आरोपों का खंडन करने का पूरा मौका दिया. मिस राडिया को आजतक के बारे में ऐसा कहने की बजाय उन मामलों पर गौर करना चाहिए जो सामने हैं.

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