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रिश्वत मामले में पूर्व जज को 3 साल कैद

रिश्वत के 26 वर्ष पुराने एक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने शनिवार को एक पूर्व न्यायाधीश को तीन साल कैद की सजा सुनाई.

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सीबीआई
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रिश्वत के 26 वर्ष पुराने एक मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने शनिवार को एक पूर्व न्यायाधीश को तीन साल कैद की सजा सुनाई.

विशेष सीबीआई न्यायाधीश वी.के.माहेश्वरी ने पूर्व न्यायाधीश गुलाब तुलसीयानी को तीन साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई और उन पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया.

तुलसीयानी पर आरोप है कि दिल्ली की एक अदालत में महानगर दंडाधिकारी के पद पर रहते हुए उन्होंने शिकायतकर्ता अजेश मित्तल से अपने आवास पर छह जून 1986 को 2,000 रुपये की रिश्वत ली थी. तुलसीयानी ने अदालत में विचाराधीन एक न्यायिक मसले को सुलझाने के एवज में मित्तल से रिश्वत मांगी थी. वह 1998 में न्यायिक सेवा से निवृत्त हुए थे.

पूर्व न्यायाधीश को सजा सुनाते हुए अदालत ने कहा कि दिनोदिन जनता का विश्वास न्यायपालिका से उठता जा रहा है. विशेष न्यायाधीश माहेश्वरी ने अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि मौजूदा समय में न्यायपालिका आत्मघाती जख्मों को झेल रही है.

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