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एफडीआई पर पीएम ने सार्वजनिक मंच से क्यों दिए जवाब: बीजेपी

भाजपा ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के बारे में सर्वदलीय बैठक में विपक्ष की ओर से उठाए गए सवालों के जवाब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सार्वजनिक मंच से दिए हैं, जो सर्वथा अनुचित है.

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मनमोहन सिंह
मनमोहन सिंह

भाजपा ने इस बात पर नाराजगी जताई है कि खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के बारे में सर्वदलीय बैठक में विपक्ष की ओर से उठाए गए सवालों के जवाब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सार्वजनिक मंच से दिए हैं, जो सर्वथा अनुचित है.

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राज्यसभा में भाजपा के उपनेता एसएस अहलूवालिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘सर्वदलीय बैठक के 48 घंटे गुजर गए हैं. इस बीच बीती शाम को प्रणव मुखर्जी ने हमारे वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी से फोन पर बात की और खुदरा एफडीआई पर कार्यस्थगन प्रस्ताव की भाषा में संशोधन कह गुंजाइश की संभावना जाननी चाही.’

उन्होंने कहा कि आडवाणी ने उन्हें बताया कि सर्वदलीय बैठक विपक्ष ने जो सवाल किये थे, उन प्रश्नों का जवाब प्रधानमंत्री ने संसद की बजाए सार्वजनिक मंच से दे दिया है, इसलिए सरकार संसद की कार्यवाही चलाने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अपने निर्णय को वापस ले या फिर कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत इस विषय पर चर्चा करा के संसद की भावना को स्वीकार करे. कार्यस्थगन प्रस्ताव की भाषा में कोई बदलाव नहीं होगा.

भाजपा नेता ने कहा, ‘इस विषय पर सुषमा स्वराज ने भी बीती रात संसदीय कार्य मंत्री पवन कुमार बंसल से बात की थी, लेकिन उन्होंने (बंसल) कहा कि अभी कुछ तय नहीं हो सका है.’

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अहलूवालिया ने कहा, ‘हमने संसद की नियमावली के हिसाब से कार्यस्थगन का प्रस्ताव दिया है. अगर सरकार बहुमत में है तो वह मतदान से क्यों घबरा रही है.’

अहलूवालिया ने कहा कि खुदरा कारोबार राज्य का विषय है, जबकि एफडीआई केंद्र सरकार के अधीन विषय है. खुदरा कारोबार पर कोई भी निर्णय करने का अधिकार राज्यों का है. अगर राज्यों को लगेगा कि खुदरा कारोबार में एफडीआई जरूरी है तो वे केंद्र से सम्पर्क करेंगे. लेकिन इस विषय पर किसी राज्य ने केंद्र से सम्पर्क नहीं किया और एकतरफा ढंग से निर्णय ले लिया गया.

संसद में कामकाज आठवें दिन ठप रहने के बारे में पूछे जाने पर भाजपा नेता ने कहा, ‘संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाना सुनिश्चित करना सरकार का काम है. भाजपा, राजग और पूरा विपक्ष संसद चलाना चाहता है और चर्चा करना चाहता है. लेकिन सरकार को मतविभाजन से इनकार क्यों है, यह समझ से परे है.’

उन्होंने कहा कि मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दिये जाने का सभी विपक्षी दलों और सरकार में शामिल कुछ पार्टियों तक ने विरोध किया है, लेकिन सरकार ने देशहित के खिलाफ एकतरफा ढंग से संसद सत्र के दौरान यह निर्णय किया है.’

उन्होंने व्यापारियों के ‘भारत बंद’ को पूर्णत: सफल बताते हुए इसमें शामिल सभी लोगों को धन्यवाद दिया.

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