अपनी बीमार मां के इलाज के लिये आर्थिक मदद पाने को लेकर फेसबुक के अरबपति संस्थापक मार्क जुकेरबर्ग और उनके परिवार का कथित तौर पर पीछा करने वाले भारतीय मूल के व्यक्ति को अदालत ने उनसे 300 फुट दूर रहने का आदेश दिया है.
एक अमेरिकी अदालत ने अपने एक आदेश में प्रदीप मनुकोंडा (31) नाम के इस शख्स को जुकेरबर्ग, उनकी बहन तथा उनकी महिला मित्र प्रिसिला चान से कम से कम 300 फुट दूर रहने को कहा है.
जुकेरबर्ग ने अदालत में यह आरोप लगाया था कि मनुकोंडा उनका पीछा कर रहा है और उन्हें तथा उनकी बहन एवं महिला मित्र के बारे में धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल कर रहा है.
गौरतलब है कि फेसबुक पर जुकेरबर्ग और उनकी बहन के नाम लिखे संदेशों में मनुकोंडा ने उनसे गुहार लगाई है कि उसका परिवार बहुत बड़ी आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है और वह उनसे मदद चाहता है.
इस तरह के एक पत्र में मनुकोंडा ने कहा कि उसकी मां गंभीर रूप से बीमार है और उसके बचने के आसार बहुत कम हैं.
उसने कहा कि वह ‘दान या चंदा’ नहीं मांग रहा है और वादा करता है कि मां के इलाज के लिये मिले धन को वह लौटा देगा.{mospagebreak}
मनुकोंडा ने प्रदीप कुमार नाम से एक अन्य संदेश में कहा है, ‘मैं पूरी तरह से थक गया हूं और हताश हो गया हूं. वक्त ने पूरी तरह से मेरा साथ छोड़ दिया है. मुझे सचमुच में आपकी जरूरत है. कृपया समय रहते कुछ कीजिए, कहीं हमारे लिये देर न हो जाए.’ उसने इससे आगे लिखा है, ‘मैं अपनी पूरी जिंदगी आपकी सेवा में लगा दूंगा, कृपया मेरी मदद कीजिए. तब मैं आपके लिये मर मिट जाउंगा. कृपया मेरे दर्द को समझिए, कृपया मेरे हालात को समझिए.’ मनुकोंडा ने जुकेरबर्ग की बहन को भी संदेश लिखा है जो फेसबुक की विपणन विकास की निदेशक है.
उन्हें लिखे अपने संदेश में मनुकोंडा ने कहा है, ‘..कृपया जवाब दीजिए, कहीं देर न हो जाए. आपको परेशान करने के लिये मैं माफी चाहता हूं लेकिन मेरे लिये हर सेकेंड कीमती है. कृपया मेरी जरूरत को समझिए. मुझे सचमुच में आपके मदद की जरूरत है. मेरी प्यारी बहन शुक्रिया.’ सेलिब्रिटी समाचारों के वेबसाइट टीएमजेड के मुताबिक मनुकोंडा जनवरी में जुकेरबर्ग के घर के पास भी गया था और कथित तौर पर वह पालो अल्टो स्थित उनके कार्यालय के पास भी दिखा था.{mospagebreak}
मनुकोंडा को जुकेरबर्ग के घर के बाहर टहलते हुए पाने के बाद स्थानीय पुलिस ने उसे चेतावनी भी दी थी. उसने कथित तौर पर 28 जनवरी को जुकेरबर्ग के घर गुलदस्ता और पत्र भी भेजा था.
बहरहाल, उस पर लगे पीछा करने के आरोपों की सुनवाई के लिये 22 फरवरी की तारीख तय की गई है.
इस मामले में उसे एक साल तक की जेल की सजा हो सकती है या उस पर 1,000 डॉलर का जुर्माना लगाया जा सकता है.