वित्तीय बाध्यताओं के बावजूद आगामी रेल बजट में यात्री भाड़े में वृद्धि किये जाने की संभावना नहीं है. रेल बजट फरवरी के अंतिम सप्ताह में पेश किया जाना निर्धारित है.
रेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि अगर यात्री भाड़े में 10 प्रतिशत की वृद्धि कर भी दी जाती है तब भी इससे 2,000 करोड़ रूपये अर्जित किये जा सकेंगे, लेकिन कुल खर्च और अर्जित राजस्व की तुलना में यह मामूली रकम होगी.
बहरहाल, सूत्रों ने बताया कि माल माड़े में मामूली बदलाव किये जा सकते हैं लेकिन सड़क परिवहन के अन्य माध्यमों से मिल रही प्रतिस्पर्धा को देखते हुए यह वृद्धि मामूली होगी. वित्त वर्ष 2010.11 में रेलवे की कुल आय करीब 94,765 करोड़ रूपये रही.
उन्होंने कहा कि बजट में ऐसी किसी नई तरह की ट्रेन की घोषणा किये जाने की संभावना है जिसमें रेल का इंजन और कोच एक इकाई में होंगे.
मंत्रालय के लोगों का कहना है कि इस प्रस्ताव पर हालांकि रेलवे बोर्ड के कई तबकों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि इसमें खर्च काफी आयेगा.
ऐसे प्रस्ताव हैं कि ऐसे ‘ट्रेन सेट’ का आयात किया जाए जो फ्रांस के टीजीवी, जर्मनी के आईसीई और जापान के शिनकासेन की तरह का हो.{mospagebreak}
सूत्रों के अनुसार, नयी तकनीक के रेक की कीमत 15 करोड़ रूपये है जबकि प्रस्तावित ‘ट्रेन सेट’ की कीमत 72 करोड़ रूपये आयेगा. रेलवे की समय सारणी समिति की हाल ही में पुणे में हुई बैठक में ऐसे कई प्रस्ताव सामने आए और समझा जाता है कि वे इसमें बदलाव की रूपरेखा पर काम कर रहे हैं. इस संबंध में तत्काल ट्रेन पेश किये जाने की बात भी सामने आई है.
रेल मंत्री ममता बनर्जी के भाषण में शिकायत दर्ज कराने के लिए सभी क्षेत्रों में एसएमएस आधारित हेल्पलाइन शुरू किये जाने का उल्लेख आ सकता है. लेकिन रेल मंत्री के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती वित्तीय समस्याओं से निजात दिलाने की होगा. छठे वेतन आयोग को लागू करने और माल की ढुलाई में नुकसान का मंत्रालय काफी प्रभावित हुई है.