आईएएस की परीक्षा में दो बार नाकाम रहने के बावजूद जम्मू कश्मीर की ओवेसा इकबाल ने हार नहीं मानी और अपने तीसरे प्रयास में वह न केवल अपने लक्ष्य को भेदने में कामयाब रही बल्कि वह राज्य की पहली महिला मुस्लिम के तौर पर आईएएस में कामयाबी पाई.
ओवेसा की नजर में यह एकमात्र ऐसा रास्ता है जिससे वह अपने राज्य के लोगों की जिंदगी में बदलाव ला सकती है.
लद्दाख क्षेत्र के दूर दराज के एक गांव चाचूट की रहने वाली केमिकल इंजीनियरिंग से स्नातक ओवेसा इकबाल, राज्य के उन 7 लोगों में शुमार है जिन्होंने इस वर्ष देश की सबसे प्रतिष्ठित आईएएस की परीक्षा में सफलता हासिल की है. सबसे बड़ी बात ये है कि आईएएस की परीक्षा में सफलता हासिल करने वाली यह राज्य की प्रथम मुस्लिम महिला हैं.
किसान की बेटी ओवेसा (25) के लिए आईएएस में सफलता पाने की राह इतनी आसान भी नहीं रही. सबसे पहले तो वह लद्दाख में पैदा हुई जहां साल के छह महीने भारी ठंड रहती है और बाकी समय भारी बर्फबारी के चलते यह क्षेत्र देश के अन्य क्षेत्रों से कट जाता है. इन सब के बावजूद ओवेशा के अथक प्रयास एवं हौसले ने उसे सफलता के द्वार पर पहुंचा ही दिया.