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तेजी से पैर जमा रहे हैं राहुल: अमेरिकी संदेश

परप्रांतियों के खिलाफ शिवसेना के एजेंडे को राहुल गांधी के आड़े हाथ लेने की कोशिशों का जिक्र करते हुए नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास की ओर से बीती फरवरी में भेजे गये गोपनीय संदेश में कहा गया कि युवा कांग्रेस नेता सियासत में तेजी से पैर जमाते नजर आ रहे हैं.

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परप्रांतियों के खिलाफ शिवसेना के एजेंडे को राहुल गांधी के आड़े हाथ लेने की कोशिशों का जिक्र करते हुए नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास की ओर से बीती फरवरी में भेजे गये गोपनीय संदेश में कहा गया कि युवा कांग्रेस नेता सियासत में तेजी से पैर जमाते नजर आ रहे हैं.

इस 22 फरवरी 2010 के गोपनीय संदेश का खुलासा विकीलीक्स के जरिये हुआ है. इसमें 30 जनवरी से 19 फरवरी के बीच के भारत के राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र है. दस्तावेज कहता है कि मुंबई दौरे के बाद ‘महाराष्ट्र की उग्र राष्ट्रवादी’ पार्टी के खिलाफ गांधी के बेबाकी से बोलने से उनका जनसंपर्क मजबूत हुआ. मुंबई दौरे के दौरान उन्होंने लोकल ट्रेन में भी यात्रा की.

गोपनीय संदेश में कहा गया, ‘राहुल गांधी का मुंबई दौरा और महाराष्ट्र की उग्र राष्ट्रवादी पार्टी शिवसेना के साथ उनकी तकरार दर्शाती है कि वह राजनीति में तेजी से पैर जमा रहे हैं.’ अमेरिका ने विकीलीक्स पर गोपनीय संदेश चुराने का आरोप लगाया है और इन संदेशों की प्रामाणिकता की पुष्टि करने या उनका खंडन करने से इनकार कर दिया है.

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दस्तावेज में उस समय के राजनीतिक घटनाक्रमों के संदर्भ में कहा गया, ‘उन्होंने (गांधी ने) ठाकरे और परप्रांतियों के खिलाफ शिवसेना के एजेंडे के लिये कुछ शब्द बेबाकी से बोले. इसकी देश भर में व्यापक और सहानुभूतिपूर्वक रिपोर्ट हुई.’ गोपनीय संदेश के अनुसार, ‘जब शिवसेना ने ‘महाराष्ट्र से दूर रहने की’ चेतावनियां दीं तो वह (राहुल गांधी) एक कदम आगे बढ़कर ठाकरे परिवार के गढ़ मुंबई गये और वहां उन्हें आड़े हाथ लेना जारी रखा.’{mospagebreak}

संदेश कहता है, ‘उन्होंने (गांधी ने) कमाल तो तब कर दिया जब उन्होंने अपनी यात्रा के कार्यक्रम में ऐन वक्त पर बदलाव कर दूसरी श्रेणी के डिब्बे में यात्रा की और आम आदमी से जुड़ाव को दर्शाया. इससे राहुल का जनसंपर्क मजबूत हुआ क्योंकि प्रेस ने उनके शिवसेना को आड़े हाथ लेने और ट्रेन में यात्रा करने को व्यापक कवरेज दिया. राहुल की यात्रा के दौरान शिवसेना के 40 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया.’ संदेश के मुताबिक, शिवसेना तब राहुल गांधी, रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी और बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान की आलोचना के चलते सुखिर्यों में थी. मुंबई में उत्तर भारतीय लोगों के अधिकारों को लेकर शिवसेना की भाजपा के मूल संगठन आरएसएस से भी तकरार रही है.

गोपनीय दस्तावेज के अनुसार, ‘मीडिया की खबरों में शिवसेना के बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों की आलोचना करने को लेकर उसके और आरएसएस के बीच तकरार होने का जिक्र है. राहुल गांधी ने बिहार यात्रा के दौरान मुंबई में रह रहे और वहां काम कर रहे उत्तर भारतीयों का बचाव किया था और प्रेस को बताया था कि शिवसेना की बात अप्रासंगिक है और सभी भारतीयों को भारत में कहीं भी आजादी से रहने का हक है.’

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गोपनीय संदेश के अनुसार, शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने पलटवार के रूप में राहुल गांधी की ‘इतालवी मां’ यानी संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी की आलोचना की. दस्तावेज में राहुल गांधी के युवक कांग्रेस के प्रमुख पद पर राजीव साटव की नियुक्ति करने पर भी टिप्पणी की गयी है और बताया गया है कि इसके ये मायने हैं कि कांग्रेस नेता साटव के गृह राज्य महाराष्ट्र में अपनी पार्टी को मजबूत करने में दिलचस्पी रखते हैं.{mospagebreak}

दस्तावेज कहता है, ‘पार्टी महासचिव राहुल गांधी ने साटव को इस पद के लिये चुनकर राजनीतिक पर्यवेक्षकों को चौंका दिया क्योंकि गांधी के पूर्व बयानों के अनुसार यह उम्मीद की जा रही थी कि वह युवक कांग्रेस के शीर्ष पद पर चयन को ‘अधिक लोकतांत्रिक’ बनायेंगे. इस तरह की अटकलें हैं कि महाराष्ट्र निवासी साटव की नियुक्ति करने के पीछे इरादा कांग्रेस की राज्य में स्थिति को विस्तार देना है.’

गोपनीय संदेश के मुताबिक, महाराष्ट्र में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन की सरकार है लेकिन दोनों के बीच खाद्यान्न की कीमतों में वृद्धि के चलते मतभेद हैं. कीमतों में बढ़ोत्तरी के लिये कांग्रेस ने लगातार राकांपा प्रमुख और संप्रग सरकार के कृषि तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री शरद पवार को जिम्मेदार बताने की कोशिश की है.

दस्तावेज के अनुसार, युवक कांग्रेस के शीर्ष पद पर राहुल गांधी द्वारा की गयी नियुक्ति के ये संकेत हो सकते हैं कि कांग्रेस का अगला पड़ाव महाराष्ट्र है जहां वह अकेले चुनाव लड़ सकती है, जैसा उसने कुछ बड़े राज्यों में गठबंधन में कनिष्ठ सहयोगी बन जाने या अपना वजूद लगभग खो देने पर किया है.

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