प्रस्तावित जैतापुर परमाणु ऊर्जा परियोजना पर हो रहे विरोध की आलोचना करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि आपदा के डर से विकासकारी गतिविधियों में अड़चन नहीं आनी चाहिए.
पवार ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह देखना होगा कि प्राकृतिक आपदाओं से किस तरह निपटा जाए. विकास की शक्तियों को रोकना गलत है. हमने भूकंपों के चलते घरों का निर्माण नहीं रोका. लातूर में भूकंप में लाखों घर तबाह हो गये. हमने कई फिर से बनाये. मुंबई में हमारे पास भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) और पास में तारापुर परमाणु संयंत्र है.’
जापान में मार्च माह में आये भूकंप के कारण फुकुशिमा परमाणु संयंत्र को हुए नुकसान के बाद जैतापुर परियोजना को लेकर सवाल उठने लगे थे. परियोजना को लागू करने में अड़चन नहीं आये इसके लिए पवार क्या सुझाएंगे, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण उस समय से जैतापुर परियोजना के महत्व को जानते हैं जब वह प्रधानमंत्री कार्यालय में मंत्री थे.
राकांपा अध्यक्ष ने कहा, ‘महाराष्ट्र में औद्योगिक विकास के लिए बिजली की जरूरत है. जो लोग बिजली कटौती की आलोचना करते हैं उन्हें ऊर्जा उत्पादन में सुधार के लिए उठाये जा रहे कदमों का विरोध नहीं करना चाहिए. हमें ऊर्जा संयंत्र बनाने होंगे, भले ही वे परमाणु आधारित हों, गैस आधारित हों, जलविद्युत से चलें या कोयला आधारित हों.’
परियोजना पर शिवसेना के विरोध के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि शिवसेना इसके विरोध में क्यों है. उन्होंने कहा, ‘शायद उनकी अलग विचारधारा होगी.’ शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे और उनके बेटे उद्धव का नाम लिये बिना पवार ने कहा, ‘मैं इन दिनों अपने वरिष्ठ मित्र से नहीं मिलता और ऐसे मुद्दों पर मैं बच्चों से बात नहीं करता.’