भारतीय टीम के कार्यवाहक कप्तान सुरेश रैना ने जिस क्षेत्ररक्षण को पिछले पांच साल में सर्वश्रेष्ठ करार दिया था, वही गुरुवार को वेस्टइंडीज के खिलाफ पांचवें और अंतिम एकदिवसीय मैच में सात विकेट से हार का कारण बना.
रैना ने मैच से पहले कहा था, ‘मेरी नजर में यह पिछले पांच साल में सर्वश्रेष्ठ फील्डिंग टीम है.’ लेकिन इसके एक दिन बाद ही भारतीयों ने बेहद लचर क्षेत्ररक्षण किया और कम से कम पांच कैच टपकाकर वेस्टइंडीज को लगातार दूसरी जीत दर्ज करने का मौका दिया.
कैच छोड़ने वालों में स्वयं रैना और विराट कोहली भी शामिल हैं जिन्हें फील्डिंग कोच ट्रेवर पेनी ने वर्तमान टीम के पांच सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षकों में शुमार किया था. भारत को इतने कैच विशेषकर डेरेन ब्रावो को शुरू में ही जीवनदान देना महंगा पड़ा जिन्होंने इसका फायदा उठाकर मैच 86 रन की मैच विजेता पारी खेली.
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 47.3 ओवर में 251 रन बनाये लेकिन वेस्टइंडीज ने इसके जवाब में 48.4 ओवर में तीन विकेट पर 255 रन बनाकर जीत दर्ज की. इसके लिये उसे भारतीय क्षेत्ररक्षकों का शुक्रिया भी अदा करना होगा. इशांत के जिस ओवर में बराथ का कैच छूटा था उसी ओवर की अंतिम गेंद पर रैना उनका मुश्किल कैच नहीं ले पाये.
भारत को हालांकि ब्रावो को जीवनदान देना महंगा पड़ा. ब्रावो जब छह रन पर खेल रहे थे तब रैना की गेंद उनके बल्ले को चूमती हुई विकेटकीपर पार्थिव पटेल के दस्तानों का स्पर्श लेकर थर्ड मैन में चली गयी. यह थोड़ा मुश्किल कैच था लेकिन पार्थिव कोशिश करते तो इसे लिया जा सकता था और तब कैरेबियाई टीम लगातार तीसरा विकेट गंवाकर संकट में फंस सकती थी. ब्रावो इसके बाद जब 78 रन पर खेल रहे थे तब विनयकुमार की गेंद पर रोहित शर्मा ने भी उनका कैच छोड़ा था.