उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले में संदेह के बादल उस समय और गहरा गये जब लापता स्वास्थ्य विभाग का एक लेखाकार संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाया गया.
इस हजार करोड़ रूपये के केन्द्रीय धन में घपलेबाजी का मामला प्रकाश में आने के बाद से इस मामले में यह पांचवें व्यक्ति की जान गई है. उत्तर प्रदेश पुलिस सूत्रों ने बताया कि पसगवां स्थित एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में लेखाकार के पद पर तैनात महेन्द्र शर्मा (52) का खून से लथपथ शव स्टाफ क्वार्टर से बरामद किया गया. शर्मा गत सात फरवरी से लापता था.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजीव मल्होत्रा ने बताया कि शव के पोस्टमार्टम में यह बात सामने आयी है कि उसकी मौत गला घोटे जाने से हुई. इसके साथ ही उसके शव पर चोट के छह निशान भी मिले हैं. उन्होंने बताया कि पोस्टमार्टम तीन चिकित्सकों के दल ने किया और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गई.
एनआरएचएम घोटाला दवाओं और चिकित्सकीय उपकरणों की आपूर्ति में केंद्रीय कोष के वितरण में 10 हजार करोड़ रुपये के कथित वित्तीय घपलेबाजी से संबंधित है. यह मामला मायावती सरकार का पीछा नहीं छोड़ रहा है. शर्मा के पुत्र तुषार ने आरोप लगाया कि उन पर कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर के लिए दबाव डाला जा रहा था. घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने राज्य पुलिस से गवाहों और संदिग्धों की सुरक्षा बढ़ा देने के लिए कहा है.
वर्ष 2010.11 में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े दो वरिष्ठ अधिकारियों की एक माह के भीतर हत्या कर दी गयी. एक अन्य अधिकारी को लखनउ जेल में मृत पाया गया. जनवरी में उप्र जल निगम के एक अधिकारी ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली क्योंकि घोटाले के सिलसिले में उनकी जांच की जा रही थी. एक अन्य हत्या की खबर फैलते ही कांग्रेस और भाजपा ने मायावती सरकार पर आरोप लगाया कि वह इस व्यापक घपलेबाजी में सक्रिय रूप से सांठगांठ कर रही है.
कांग्रेस की स्टार प्रचारक प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि मायावती सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहतरी के लिए आये धन का दुरूपयोग किया. भाजपा के प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि व्यापक मुद्दा है, मायावती की मुख्यमंत्री के तौर पर स्वयं की भूमिका तथा मुलायम सिंह यादव का पूर्व शासन, क्योंकि पूरा घोटाला करीब सात आठ साल में फैला हुआ है. लेखाकार के परिजन ने विभागीय अधिकारियों पर उन्हंे प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उनकी हत्या की आशंका व्यक्त की है.
शर्मा की पत्नी मिथिलेश के मुताबिक उनका पति बिना किसी कारण के कई तबादलों तथा बेवजह वेतन रोके जाने से काफी तनाव में था. मिथलेश ने आरोप लगाया कि 21 नवंबर को अपनी पुत्री का विवाह संपन्न होने के बाद जब शर्मा पासगवां में ड्यूटी पर गये तो उन्हें बताया कि उनका फिर तबादला हो गया है. इस बीच, दिल्ली में सीबीआई ने इस बात से इंकार किया कि उसने जांच के सिलसिले में शर्मा को ना तो समन किया था और ना ही उससे पूछताछ की थी.