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कई खुफिया एजेंसियां बाबा रामदेव के पीछे!

देश की तमाम सरकारी एजेंसियों का जाल बाबा रामदेव पर तेजी से शिकंजा कस रहा है. सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक कई खुफिया एजेंसियां बाबा के पीछे लगी हैं. उनके आंदोलन से लेकर योग शिविर, दवा बनाने वाली दिव्य फार्मेसी और तमाम ट्रस्टों की पड़ताल शुरू हो गई है.

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बाबा रामदेव
बाबा रामदेव

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देश की तमाम सरकारी एजेंसियों का जाल बाबा रामदेव पर तेजी से शिकंजा कस रहा है. सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक कई खुफिया एजेंसियां बाबा के पीछे लगी हैं. उनके आंदोलन से लेकर योग शिविर, दवा बनाने वाली दिव्य फार्मेसी और तमाम ट्रस्टों की पड़ताल शुरू हो गई है.

12 अगस्त को देश की राजधानी को अपने आंदोलन की ताकत से हिला देने वाले रामदेव अब चौतरफा निशाने पर हैं. सूत्रों के मुताबिक रेवेन्यू डिपार्टमेंट,
सर्विस और इनकम टैक्स विभाग, और आर्थिक खुफिया विभाग के जासूस बाबा के बही खाते की जांच में जुटे हैं. सरकार के ये तीन बड़े विभाग बाबा के लेने देन की पाई पाई का हिसाब खगालने में जुटे हैं.

बाबा का योग और आर्युवेद का साम्राज्य अब सरकारी एजेंसियों की आंख की किरकिरी बन गया है. हरिद्वार में बाबा रामदेव के पतंजलि योग और दिव्य फार्मेसी के हेडक्वार्टर पर पड़ा फूड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट का छापा इसी की कड़ी माना जा रहा है.

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सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्री पी चिदम्बरम के मंत्रालय के तहत आने वाले इनकम टैक्स और सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट ने रामदेव के ट्रस्टों को नोटिस भेजा है. आर्थिक अपराध की खुफिया जांच करने वाली केंद्रीय आर्थिक गुप्तचर ब्यूरो, केंद्रीय उत्पाद खुफिया महानिदेशालय अब बाबा के तमाम ट्रस्टों के इनकम टैक्स, सर्विस टैक्स देनदारी की जांच कर रहे हैं. बाबा के ट्रस्टों के टैक्स लेनदेन की रेवेन्यू डिपार्टमेंट की जांच भी फाइनल स्टेज में है.

सरकारी एजेंसियों की नजर बाबा रामदेव के पतंजलि योग केंद्र, दिव्य फार्मेसी और ऐसी ही उन तमाम संस्थाओं पर है जिनका सालाना कारोबार करोड़ों में हैं. रामदेव के लोकप्रिय योग शिविरों पर भी सर्विस टैक्स डिपार्टेमेट की नजर है. बाबा का सवाल है कि जब पहले कोई नोटिस नहीं आया तो अब अचानक ऐसा क्या हुआ.

इतना ही नहीं रामदेव के ट्रस्टों को विदेशी मुद्रा में होने वाली आय पर भी प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की नजर है. सवाल है बाबा के खिलाफ तमाम सरकारी एजेंसियों की जांच क्या बदले की कार्रवाई है. क्या बाबा का मुंह बंद करने की ये कोशिश है और क्या सरकारी तंत्र के शिकंजे में जकड़ कर रामदेव के आंदोलन की दम घोटने की तैयारी है.

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