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महंगाई के लिए वैश्विक आर्थिक संकट जिम्मेदार: प्रणब

केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष के हमलों को सामना कर रही सरकार का जमकर बचाव किया. उन्होंने कहा कि महंगाई से निपटने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है.

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प्रणब मुखर्जी
प्रणब मुखर्जी

केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष के हमलों को सामना कर रही सरकार का जमकर बचाव किया. उन्होंने कहा कि महंगाई से निपटने के लिए सरकार लगातार कोशिश कर रही है.

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साथ ही मुखर्जी ने देश में बढ़ती महंगाई के लिए वैश्विक आर्थिक स्थिति को भी जिम्मेदार ठहराया. बढ़ती महंगाई पर एक गर्म बहस का जवाब देते हुए मुखर्जी ने लोकसभा को बताया कि महंगाई पर चर्चा करते हुए 'हम केवल अपनी अर्थव्यवस्था पर बहस नहीं कर रहे हैं बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी चर्चा कर रहे हैं.'

मुखर्जी ने शुक्रवार को कहा, 'कोई भी देश आज यह नहीं कह सकता कि हम अलग-थलग पड़ गए हैं. किसी भी देश के किसी हिस्से में होने वाली घटनाएं स्वयं को एक अंतर्राष्ट्रीय संकट में परिवर्तित कर सकती हैं.' उन्होंने उदाहरण दिया कि कैसे आवश्यक वस्तुओं की कीमतों ने पिछले दो से तीन साल में आसमान को छूआ.

मुखर्जी ने कहा, 'आज जब हम संसद में महंगाई पर चर्चा कर रहे हैं, यह संसद जो विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, 1.2 अरब लोगों की नुमाइंदगी करने वाली और जिसकी अर्थव्यवस्था करीब 20 खरब डॉलर है. हम वैश्विक घटनाओं से अपनी आंखें नहीं मूंद सकते.'

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उन्होंने कहा कि सरकार महंगाई के दबाव के प्रति भलीभांति जागरूक है और विकास के आंकड़ों में तेजी लाने के लिए भी उत्सुक है.

मुखर्जी ने माना कि समग्र मुद्रास्फीति 'खतरनाक ढंग से दोहरे अंक के करीब है' लेकिन पिछले करीब दो महीनों से खाद्य महंगाई कम हुई है. उन्होंने कहा कि सरकार मौजूदा वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक समग्र महंगाई को पांच से छह प्रतिशत तक लाने की सोच रही है.

केंद्रीय वित्त मंत्री ने विकास को महंगाई के साथ जोड़ने पर आगाह किया. उन्होंने कहा, 'महंगाई और विकास के बीच कोई सम्बंध नहीं है. हमें महंगाई को रोकना होगा और उच्च विकास दर को प्राप्त करना होगा.'

मुखर्जी ने पूछा, 'हम बढ़ती महंगाई से लगातार निपटने की कोशिश कर रहे हैं. हमें सब्सिडी के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए एक साथ बैठक करनी है. यदि सरकार हर एक वस्तु पर प्रत्येक व्यक्ति को सब्सिडी देती रही तो विकास कार्य कैसे सम्पन्न होंगे.'

उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्थिति यदि और सहायक हुई होती तो शायद हम अच्छी स्थिति में होते और लोगों को और रियायत दे सकते.

मुखर्जी के जवाब से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली विपक्षी पार्टियां संतुष्ट नहीं हुईं और उन्होंने सदन का बहिर्गमन किया. लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि मुखर्जी का जवाब बासी है और इससे आम आदमी भला नहीं होने वाला.

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इसके बाद लोकसभा की अध्यक्ष मीरा कुमार ने शोर-शराबे के बीच सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी.

उल्लेखनीय है कि महंगाई पर चर्चा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के वरिष्ठ नेता गुरुदास दासगुप्ता ने गुरुवार को शुरू की लेकिन समय की कमी के चलते मुखर्जी अपना जवाब उसी दिन नहीं दे पाए.

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