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संकट से उबरने की पुरजोर कोशिश में जापान

भूकंप का सामना करने वाले फुकुशीमा परमाणु सयंत्र में दो और धमाके होने के बाद जापान का परमाणु संकट गहरा गया है.

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भूकंप का सामना करने वाले फुकुशीमा परमाणु सयंत्र में दो और धमाके होने के बाद जापान का परमाणु संकट गहरा गया है. ये धमाके इतने जबरदस्त थे कि इससे तोक्यो और अन्य शहरों तक कंपन महसूस की गई.

प्रधानमंत्री नाओतो कान ने चेतवानी दी है कि रेडियोधर्मी पदार्थ के और अधिक लीक होने से बहुत बड़ा खतरा पैदा हो गया है.

दरअसल, इस बात की आशंका जताई जा रही है कि प्रभावित परमाणु रिएक्टर से विकिरण तोक्यो की ओर बढ़ सकता है. इसलिए ज्यादातर लोग घरों से बाहर नहीं निकलें, पर्यटकों ने अपना सामान बांधना शुरू कर दिया है और शहर में मौजूद विदेशी पर्यटक यहां से जाने की तैयारी में जुट गये हैं.

इसबीच, तोक्यो में भी 6.0 की तीव्रता वाला भूकंप का झटका महसूस किया गया. चार दिन पहले जबर्दस्त भूकंप के बाद देश के पूर्वोत्तर तट पर उठी सुनामी लहरों के बाद आज भूकंप से एक बार फिर यहां की इमारतें हिल गईं.

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फुकुशीमा दाईची संयंत्र के दो और चार नम्बर के रिएक्टर में मंगलवार सुबह हुए विस्फोट के चलते सरकार को यह घोषणा करनी पड़ गई कि विकिरण नुकसान पहुंचाने के स्तर पर पहुंच गया है.{mospagebreak} तोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी के मुताबिक चार नम्बर के रिएक्टर में स्थानीय समय के मुताबिक सुबह के नौ बजकर चालीस मिनट पर आग की लपटें उठीं. हालांकि बाद में इसे बुझा दिया गया.

दो नंबर रिएक्टर में सुबह के छह बजकर 10 मिनट पर विस्फोट हुआ जिससे इसकी एक नियंत्रण प्रणाली को पहली बार नुकसान पहुंचा है. इसके चलते खतरनाक रेडियोधर्मी पदार्थ के लीक होने की आशंका बढ़ गई है.

देश के प्रधानमंत्री ने टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए चेतावनी दी कि विकिरण क्षतिग्रस्त रिएक्टर से फैल चुका है तथा और अधिक लीक होने का गंभीर खतरा पैदा हो गया है.

उन्होंने इस संयंत्र के 30 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को घरों के अंदर ही रहने की हिदायत दी है.

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