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देश में कई जगह बारिश व बाढ़ से तबाही

महाराष्‍ट्र और उत्तर प्रदेश में बाढ़ ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. मुंबई में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं, तो उत्तर प्रदेश की कई नदियां उफान पर हैं.

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बाढ़ से तबाही
बाढ़ से तबाही

महाराष्‍ट्र और उत्तर प्रदेश में बाढ़ ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. मुंबई में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं, तो उत्तर प्रदेश की कई नदियां उफान पर हैं.

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मुंबई पर बारिश एक बार फिर कहर बनकर टूटी. तीन दिनों की लगातार बारिश ने पूरी मुंबई को मानो रोक सा दिया. हालांकि, पिछले करीब 20 घंटों से शहर में बारिश नहीं हुई है, लेकिन जो हाल सोमवार का था, वो डरानेवाला था. चेतावनी है कि समंदर में हाईटाइड आ सकता है.

3 दिन से हो रही बारिश ने सबसे ज्यादा हिंद माता इलाके को प्रभावित किया है. सड़कों पर लबालब पानी भर गया, जिसकी वजह से लोगों को आवाजाही में खासी दिक्कतें आ रही हैं.

तेज़ बारिश का असर मुंबई की लाइफ लाइन कही जानेवाली लोकल ट्रेनों पर भी पड़ा. वाडला इलाके में ट्रैक पानी में डूबे रहे. सेंट्रल और हार्बर लाइन पर कुछ घंटों के लिए ट्रेनों की आवाजाही भी ठप रही.

मुंबई के कुर्ला में भी सोमवार को कई घंटे लगातार बारिश होती रही, जिससे सीएसटी और कुर्ला के बीच काफी देर तक ट्रेनें नहीं चल पाईं.

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दादर रेलवे स्टेशन पर लोग घंटों इसी तरह खड़े रहे. लोग घरों से दफ्तर जाने के लिए निकले, लेकिन ट्रेन नहीं मिली. फिर तो ये ना ही दफ्तर भी नहीं जा सके और घर लौटने की भी मुसीबत हो गई.

सायन में ट्रैक पर पानी भर गया. आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई. मरोल इलाके की तस्वीरें भी भयावह थीं. यहां मीठी नदी कहर बन गई. तेज़ बारिश की वजह से नदी का पानी ऐसा बढ़ा कि किनारे बने 4 मकानों की दीवारें पानी में बह गई. इस हादसे में दीवार के साथ एक युवक भी पानी की धार में बह गया.

मुंबई के हाजी अली के पास हीरा पन्ना इलाके में भूस्खलन से बचाने के लिए एक दीवार खड़ी की गई थी, लेकिन बारिश में वही दीवार गिर गई और पूरा का पूरा मलबा वहां खड़ी गाड़ियों पर आ गिरा.

बारिश हर साल मुंबई वालों के लिए मुसीबत खड़ी करती है और हर साल बीएमसी नाकाम रहती है. इस बार भी हालात में कोई बदलाव नहीं है.

उधर, उत्तर प्रदेश के सैकड़ों गांवों में बाढ़ का कहर है. नदियां उफान पर हैं. लोग अपनी हिफाजत की भीख मांग रहे हैं, लेकिन ऐसा लगता है कि प्रशासन के पास कागजी कार्रवाई के अलावा के पास कोई रास्ता नहीं है.

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बांध टूटने से इलाके के 115 गांव बाढ़ की चपेट में हैं, लेकिन प्रशासन पर आरोप है कि कागजी कार्रवाई के अलावा वो और कुछ नहीं कर रहा.

गंगा की विकराल लहरें कानपुर में कहर बरपा रही हैं. यहां लोग अपना घर-बार छोड़ कैंपों में सहारा ले रहे हैं. इलाके के दर्जनों गांवों में गंगा का पानी घुस आया है. कानपुर के शहरी इलाके में भी बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं.

कौशाम्बी जिले में बाढ़ के चलते आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. दो दर्जन से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं. पानी घरों के अंदर तक घुस गया है. लोग अपना सामान भी घरों से नहीं बाहर निकाल पा रहे हैं और पानी बढ़ता ही जा रहा है.

कुछ लोगों ने घर की छतों पर बसेरा बनाया है, लेकिन ये कितना स्थाई है ये कोई नहीं कह सकता, क्योंकि बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा है. तस्वीरें बताती हैं कि यूपी में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. हर साल की तरह इस साल भी प्रशासन बस बरसात के मौसम का रोना रो रहा है.

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