उत्तर प्रदेश में इस हफ्ते अब तक नाम मात्र की ही वर्षा हुई है जिससे लगभग सभी नदियों का जलस्तर उतार पर है बावजूद इसके गंगा, घाघरा और रामगंगा नदियां कुछ स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर है और बीस जिले अब भी बाढ़ की चपेट में बने हुए हैं. पहली अगस्त के बाद से प्रदेश में वर्षा एवं बाढ़ से हुई घटनाओं में 187 लोगों की जान जा चुकी है.
प्रदेश के राहत आयुक्त कार्यालय ने बताया है कि प्रदेश में हालांकि 30 जिले बाढ की चपेट में थे, पर नदियों के जलस्तर में उतार के बाद अब बाढ प्रभावित जिलों की संख्या 20 रह गयी हैं और वहां पहले की ही तरह राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है.
राहत आयुक्त के अनुसार, प्रदेश में पहली अगस्त के बाद से अब तक बाढ़ से जुडी घटनाओं में 60 और बिजली गिरने एवं वष्रा से जुड़ी अन्य घटनाओं में 127 लोगों की मौत हुई है.
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, मानसून की सुस्ती के कारण हालांकि प्रदेश की सभी नदियां उतार पर हैं. गंगा नदी बलिया और घाघरा नदी अयोध्या में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है ,जबकि बाराबंकी के एल्गिनब्रिज और बलिया के तुर्तीपार में उतार के बावजूद इसका जलस्तर अब भी खतरे के निशान के करीब है.
इसी तरह रामगंगा नदी शाहजहांपुर के डाबरी और शारदा नदी लखीमपुर के पलियाकलां में खतरे के निशान से ऊपर है, हालांकि अन्य स्थानों पर इनका जलस्तर उतार पर है.
इस बीच मौसम विभाग ने बताया है कि प्रदेश में मानसून सुस्त है और बीते 24 घंटों के दौरान सर्वाधिक वर्षा बहराइच के कतर्नियाघाट इलाके में मात्र साढे चार मिमी पर दर्ज की गयी है.