केंद्रीय मंत्रिमंडल में दूरसंचार मंत्री ए राजा टिकेंगे या जाएंगे, इस पर फैसला कल उच्चतम न्यायालय में 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से जुड़ी दो याचिकाओं की सुनवाई के बाद ही आने की संभावना है. वहीं विपक्ष ने सरकार पर राजा के हटाए जाने का दबाव बढा दिया है.
पूरे दिन राजा के मंत्रिमंडल से विदाई की खबरें जोर लेती रहीं और इस मुद्दे पर संसद में विपक्ष द्वारा मचाए जा रहे हो हल्ले पर विचार विमर्श करने के लिए शीर्ष कांग्रेसी नेतृत्व ने दिल्ली में बैठक की. राजा के पद पर बने रहने के खिलाफ पार्टी में बढते असंतोष के बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ नेता प्रणव मुखर्जी, कांग्रेस प्रमुख के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल ने इस बैठक में हिस्सा लिया.
कैग की रिपोर्ट में 2जी स्पेक्ट्रम को पारदर्शी तरीके से नहीं बांटे जाने से सरकार को हुए 1.76 लाख करोड़ रूपये के नुकसान के लिए मंत्री को दोषी ठहराए जाने के बाद विपक्ष राजा को हटाने की मांग कर रहा है.
प्रणव मुखर्जी ने बहरहाल स्पेक्ट्रम विवाद पर बोलने से इंकार कर दिया और कहा कि जो भी है वह संसद में कहा जाएगा.
नयी दिल्ली में एक समारोह में पत्रकारों को उन्होंने कहा, ‘संसद सत्र में है. दूरसंचार मंत्री ए राजा पर जो भी कहा जाना है, वह संसद में कहा जाएगा.’
दूरसंचार मंत्री ए राजा ने पिछले 24 घंटे में चेन्नई में करूणानिधि से दूसरी बार मुलाकात की. मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने से उन्होंने साफ इंकार कर दिया है. उन्होंने द्रमुक प्रमुख से उनके आवास पर मुलाकात की और ऐसा समझा जाता है कि 30 मिनट की अपनी बैठक के दौरान उन्होंने कथित घोटाले पर कैग की रिपोर्ट के निहितार्थ पर चर्चा की. बैठक के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ द्रमुक नेता टी आर बालू के भी बैठक में मौजूद होने के कयास लगाये जा रहे हैं.{mospagebreak}
बहरहाल, सभी निगाहें सर्वोच्च न्यायालय पर टिकी हैं जहां गैरसरकारी संगठन सीपीआईएल और जनता पार्टी नेता सुब्रहमण्यम स्वामी की दो याचिकाओं पर सुनवाई होनी हैं. इन याचिकाओं में पूरे स्पेक्ट्रम आबंटन में 70,000 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है.
29 अक्तूबर को हुई पिछली सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच कर रही सीबीआई को आड़े हाथों लिया था और आश्चर्य जताया था कि राजा अपने पद पर कैसे बने हैं.
दूरसंचार मंत्रालय का दावा है कि नये लाइसेंस और 2जी स्पेक्ट्रम नियमों के तहत ही बांटे गए जिन्हें राजा से पहले के मंत्री अनुसरण कर रहे थे.
करूणानिधि की बेटी कनीमोझी ने उनके द्वारा राजा की जगह लिए जाने की संभावनाओं का खंडन किया है. उन्होंने कहा, ‘आप एक संसद से बात कर रहे हैं जोकि संसद बनी रहेगी.’
कनीमोझी ने कहा कि वह इस मुद्दे पर कांग्रेस और द्रमुक के बीच कोई तनाव नहीं देखती. उन्होंने कहा, ‘जहां तक मुझे जानकारी है, कांग्रेस और द्रमुक के बीच मजबूत गठजोड़ है. चिंता तो वाम दलों को करना हे जिनका गठबंधन अन्नाद्रमुक के साथ है.’ वहीं, विपक्षी दल भाजपा और वाम दलों ने साफ कर दिया है कि जब तक राजा को हटा नहीं दिया जाता तब तक वह संसद चलने नहीं देंगे.
राजा के इस बयान के बाद कि स्पेक्ट्रम आबंटन के हर चरण की जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय को दी गई, विपक्षी दल प्रधानमंत्री को भी घेरने की योजना बना रहे हैं.{mospagebreak}
भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि 2जी स्पेक्ट्रम आबंटन पर उच्चतम न्यायालय में सरकार द्वारा दायर शपथ पत्र इस बात का सुबूत है कि कांग्रेस ने सत्ता की खातिर अपने सहयोगी द्रमुक के सामने पूरी तरह घुछने टेक दिए हैं.
भाकपा नेता डी राजा ने कहा कि सरकार के मुखिया प्रधानमंत्री है और उन्हें इस मुद्दे पर जवाब देना है.
इसबीच तिरूवनंतपुरम में रक्षा मंत्री एके एंटनी ने स्पेक्ट्रम विवाद पर कुछ भी बोलने से इंकार करते हुए कहा कि कुछ भी छिपाया नहीं जा रहा.
उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर जारी बहस में नहीं पड़ना चाहते. राजा के इस्तीफे पर कांग्रेस का रूख पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘इंतजार कीजिए और देखते रहिए’.