scorecardresearch
 

चारा घोटाला: 40 दोषी करार, 7 साल की सजा

रांची में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत ने चारा घोटाले के एक मामले में 40 लोगों को दोषी ठहराते हुए उन्हें चार से सात साल कैद की सजा सुनाई. इसके साथ ही दोषियों पर 25,000 से दो करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है.

Advertisement
X
लालू प्रसाद यादव
लालू प्रसाद यादव

Advertisement

रांची में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत ने चारा घोटाले के एक मामले में 40 लोगों को दोषी ठहराते हुए उन्हें चार से सात साल कैद की सजा सुनाई. इसके साथ ही दोषियों पर 25,000 से दो करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है.

सीबीआई अदालत ने आरसी 31 ए/96 3 मई, मामले में अपना फैसला सुनाया है. यह मामला 90 के दशक में रांची में दोरांदा खजाने से 47 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि अवैध तरीके से निकाले जाने से सम्बद्ध है. इस मामले में कुल 111 आरोपी थे. इनमें से कुछ की सुनवाई के दौरान मौत हो गई और कुछ सीबीआई के गवाह बन गए. इससे पहले गुरुवार को सीबीआई अदालत ने 69 लोगों को दोषी करार दिया था और 16 अन्य को निर्दोष बताया था.

Advertisement

सीबीआई अदालत ने तीन मई को 29 दोषियों को एक से तीन साल तक की कैद व 25,000 से लेकर दो लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा सुनाई थी. शेष बचे दोषियों को सोमवार को सजा सुनाई गई. चारा घोटाले से जुड़े विभिन्न मामलों में अधिकारियों व आपूर्तिकर्ताओं सहित करीब 1,200 लोगों को दोषी बताया गया.

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव व जगन्नाथ मिश्र भी घोटाले से सम्बंधित पांच मामलों में अभियुक्त हैं. रांची की सीबीआई अदालतों में उनकी सुनवाई जारी है. मामले में 1997 में यादव के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ गया था.

90 के दशक के अविभाजित बिहार में चारा घोटाला उस वक्त सुर्खियों में छा गया था, जब अधिकारियों व राजनेताओं पर पशुओं का चारा खरीदने के नाम पर जनता के पैसे का गैरकानूनी तरीके से इस्तेमाल करने का आरोप लगा. घोटाले में कुल 61 मामले दर्ज किए गए. इनमें से 53 मामले साल 2000 में बिहार के विभाजन के बाद झारखण्ड में स्थानांतरित कर दिए गए.
सीबीआई की अलग-अलग अदालतों ने 43 मामलों में फैसले सुनाए हैं.

Advertisement
Advertisement