खाद्य मुद्रास्फीति में एक अक्तूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान मामूली गिरावट दर्ज हुई लेकिन प्रमुख खाद्य पदार्थों की कीमतों में तेजी के कारण यह अब भी 9.32 फीसदी के उच्च स्तर पर है. थोकमूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) के आधार पर आंकी जानेवाली खाद्य मुद्रास्फीति इससे पिछले सप्ताह 9.41 फीसदी पर थी.
पिछले साल के समान सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति 17.14 फीसदी थी. खाद्य मुद्रास्फीति में कमी का श्रेय साप्ताहिक स्तर पर कुछ उत्पादों की कीमतों में कमी को जाता है हालांकि सालाना स्तर पर कीमतें ऊंची रहीं. इस गिरावट का श्रेय पिछले साल की समान अवधि में 17 फीसदी की उच्च मुद्रास्फीति को जाता है जिसे आर्थिक जबान में ‘उच्च बेस इफेक्ट’ कहते हैं.
सरकारी आंकड़े के मुताबिक साल दर साल आधार पर सब्जियों की कीमत 13.01 फीसद बढ़ी है. समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सालाना स्तर पर आलू की कीमतों में 3.79 फीसदी का इजाफा हुआ है.
इसके अतिरिक्त दूध 10.35 फीसदी मंहगा हुआ और फल की कीमत 12.19 फीसदी बढ़ी जबकि अंडे, मीट और मछली जैसी प्रोटीन आधारित चीजें सालाना स्तर पर 9.92 फीसदी महंगी हुई. अनाज की कीमत सालाना स्तर पर 5.41 फीसदी बढ़ी जबकि चावल 5.86 फीसदी और दाल 6.87 फीसदी महंगी हुई.
हालांकि प्याज की कीमत सालाना स्तर पर 10.15 फीसदी और गेहूं की कीमत 0.24 फीसदी बढ़ी. एक अक्तूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान प्राथमिक उत्पादों की मुद्रास्फीति 10.60 फीसदी रही जो पिछले सप्ताह के 10.84 फीसदी के स्तर से कम है.
थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में प्राथमिक उत्पादों को योगदान 20 फीसदी है. समीक्षाधीन सप्ताह में गैर खाद्य उत्पादों की उत्पादों की मुद्रास्फीति 9.59 फीसदी रही जबकि पिछले सप्ताह यह 10.77 फीसदी थी. गैर खाद्य उत्पादों में फाईबर, तिलहन और खनिज जैसे उत्पाद शामिल हैं.