सब्जी, प्याज, आलू और गेहूं जैसी आवश्यक खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से खाद्य मुद्रास्फीति 26 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान घटकर 6.6 फीसद रह गई.
थोक मूल्य सूचकांक आधारित खाद्य मुद्रास्फीति 19 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान आठ फीसद पर थी. पिछले साल की समान अवधि के दौरान यह 8.93 फीसद थी.
ताजा सरकारी आंकड़े के मुताबिक प्याज सालाना स्तर पर 39.20 फीसद सस्ता हुआ जबकि आलू की कीमत 15.75 फीसद कम हुई और गेहूं की कीमत 4.70 फीसद घटी.
इधर सब्जियां आम तौर पर 1.25 फीसद सस्ती हुईं और सितंबर व अक्तूबर के महीनों से लगातार दोहरे अंक पर चल रही सब्जियों की मंहगाई दर से निजात मिली. हालांकि अन्य खाद्य उत्पाद सालाना स्तर पर मंहगे हुए. इसमें दाल, मांस-मछली, अंडे जैसी वस्तुए शामिल हैं.
समीक्षाधीन अवधि में दाल की कीमत 13 फीसद बढ़ी जबकि दूध का दाम 11.02 फीसद चढ़ा. अंडा, मांस व मछली के दाम 10.04 फीसद बढ़े. फल भी सालाना स्तर पर 10.72 फीसद मंहगे हुआ जबकि अनाज की कीमत 1.68 फीसद बढ़ी.
प्राथमिक उत्पाद खंड में मुद्रास्फीति 6.92 फीसद रही जबकि 26 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान यह 7.74 फीसद थी. प्राथमिक उत्पादों का थोकमूल्य सूचकांक में 20 फीसद योगदान है.
गैर खाद्य खंड में समीक्षाधी सप्ताह में मंहगाई दर 1.37 फीसद रही जो 19 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 2.14 फीसद थी. गैर खाद्य खंड में फाइबर, तिलहन और खनिज पदार्थ शामिल हैं.
गैर खाद्य प्राथमिक उत्पादों की मंहगाई दर पिछले दो महीने में बहुत ज्यादा गिरी है. ताजा आंकड़े के मुताबिक यह आठ फीसद से गिरकर एक फीसद पर आ गई.
ईंधन और बिजली क्षेत्र की मुद्रास्फीति 26 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान पिछले सप्ताह के स्तर 15.53 फीसद पर बरकरार रही. खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति गिरने से सरकार और रिजर्व बैंक को थोड़ी राहत मिलेगी जिनकी लगातार उंची मंहगाई दर के कारण आलोचना होती रही है.
लोकसभा में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि मुद्रास्फीति की आदर्श दर करीब पांच से छह फीसद है.
खाद्य मुद्रास्फीति में कमी सरकार के लिए आशा की किरण बनकर उभरी है. अर्थव्यवस्था में नरमी है और सकल घरेलू उत्पादन की वृद्धि दर दूसरी तिमाही के दौरान 6.9 फीसद रही जो पिछले दो साल का निम्नतम वृद्धि दर है.
आठ प्रमुख बुनियादी ढांचा उद्योगों की वृद्धि दर अक्तूबर में वृद्धि दर 0.1 फीसद रही जो पिछले पांच साल का निम्नतम स्तर है. इधर सकल मुद्रास्फीति दिसंबर 2010 से नौ फीसद के उपर बनी हुई है जबकि इस साल अक्तूबर में यह 9.73 फीसद पर थी.