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खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 9.03 प्रतिशत हुई

खाद्य मुद्रास्फीति की दर छह अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान घटकर 9.03 प्रतिशत पर आ गई है. इस दौरान सालाना आधार पर दालों को छोड़कर अन्य सभी वस्तुओं के दाम पिछले साल की तुलना में ऊंचे बने हुए थे.

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मुद्रास्फीति
मुद्रास्फीति

खाद्य मुद्रास्फीति की दर छह अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान घटकर 9.03 प्रतिशत पर आ गई है. इस दौरान सालाना आधार पर दालों को छोड़कर अन्य सभी वस्तुओं के दाम पिछले साल की तुलना में ऊंचे बने हुए थे.

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थोक मूल्य सूचकांक आधारित खाद्य मुद्रास्फीति इससे पिछले सप्ताह 9.9 प्रतिशत थी. पिछले साल इसी दौरान मुद्रास्फीति 14.51 प्रतिशत थी. गुरुवार को जारी सरकारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, सालाना आधार पर दालें 5.63 प्रतिशत सस्ती हुई हैं. हालांकि अन्य सभी खाद्य वस्तुएं महंगी हुई हैं. सालाना आधार पर इस दौरान प्याज 37.62 प्रतिशत महंगा हुआ, जबकि फलों के दाम इस दौरान 26.46 प्रतिशत बढ़े. वहीं अंडा, मांस और मछली के दाम 9.93 प्रतिशत बढ़े, जबकि साल दर साल आधार पर दूध 9.76 प्रतिशत महंगा हुआ. मोटे अनाज तथा सब्जियों के दामों में क्रमश: 6.23 प्रतिशत और 2.59 फीसदी का इजाफा हुआ.

आलू के दामों में इस दौरान 7.22 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही. खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट की एक वजह साप्ताहिक आधार पर विभिन्न वस्तुओं की कीमतों में कमी आना है. इससे पिछले 30 जुलाई को समाप्त सप्ताह में सालाना आधार पर सब्जियों, आलू, दूध, अंडे, मांस और मछली के दाम कहीं अधिक थे. पिछले साल के आधार प्रभाव की वजह से भी खाद्य मुद्रास्फीति का आंकड़ा घटा है. पिछले साल इस सप्ताह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति 14 प्रतिशत से अधिक थी.

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कुल मिलाकर छह अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान सालाना आधार पर प्राथमिक उत्पादों के दामों में 11.64 प्रतिशत का इजाफा हुआ. इससे पिछले सप्ताह इन उत्पादों की महंगाई 12.22 प्रतिशत थी. थोक मूल्य सूचकांक में प्राथमिक वस्तुओं की हिस्सेदारी 20 प्रतिशत की है. हालांकि गैर खाद्य वस्तुओं की महंगाई की दर सालाना आधार पर सप्ताह के दौरान बढ़कर 16.07 प्रतिशत हो गई. यह इससे पिछले सप्ताह 15.05 प्रतिशत थी.

इस बीच, ईंधन और बिजली की महंगाई 13.13 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले सप्ताह 12.19 प्रतिशत थी. बीते साल यानी 2010 में ज्यादातर समय तक खाद्य मुद्रास्फीति 10 प्रतिशत से अधिक रही है. हालांकि इस साल मार्च से इसमें गिरावट आनी शुरू हुई. जुलाई के मध्य में यह घटकर 7.33 प्रतिशत पर आ गई थी. जुलाई के अंत में यह बढ़कर साढ़े चार माह के उच्च स्तर पर 9.90 प्रतिशत पर पहुंच गई. कुल मुद्रास्फीति जून में 9.22 प्रतिशत पर थी.

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद और भारतीय रिजर्व बैंक का अनुमान है कि अक्तूबर तक कुल मुद्रास्फीति 9 प्रतिशत के आसपास रहेगी.

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