दाल, गेहूं और कुछ सब्जियों के दाम घटने से गत 26 फरवरी को समाप्त सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति 0.87 प्रतिशत घटकर 9.52 प्रतिशत रह गई. तीन महीने दहाई अंक में रहने के बाद खाद्य मुद्रास्फीति फिर से इकाई अंक में पहुंची है.
एक सप्ताह पहले खाद्य मुद्रास्फीति 10.39 प्रतिशत पर थी. जबकि इससे पहले 4 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में यह 9.46 प्रतिशत दर्ज की गई थी. इस अवधि के बीच में यह लगातार दहाई अंक पर बनी रही और एक समय 18 प्रतिशत से उपर निकल गई थी.
खाद्य मुद्रास्फीति के इकाई अंक में आने से सरकार को राहत मिलने की उम्मीद है. खाद्य मुद्रास्फीति लगातार उच्चस्तर पर बने रहने से सरकार काफी दबाव में है. वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी उच्च मुद्रास्फीति को चिंता की बड़ी वजह बता चुके हैं.
गत 26 फरवरी को समाप्त सप्ताह में गेहूं, दाल और कुछ सब्जियों के दाम नीचे आ गये. हालांकि, सालाना तुलना के आधार पर प्याज और अन्य सब्जियों के दाम उंचे रहे। चावल, अंडा, मांस और मछली महंगी हुई. फलों में भी दाम ऊंचे बोले गये.
अखाद्य वस्तुओं के दाम भी ऊंचे रहे. ईंधन और बिजली समूह में 9.48 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. समूह में पेट्रोल के दाम 23.14 प्रतिशत बढ़ गये.