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‘सूर्यनमस्कार पर गुमराह कर रही है सरकार’

मध्यप्रदेश सरकार के सूर्यनमस्कार को गिनीज बुक में दर्ज कराने की मुहिम का चौतरफा विरोध होने लगा है और इसमें सबसे ताजा नाम है कांग्रेस के बड़बोल दिग्विजय सिंह का.

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दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह

मध्यप्रदेश सरकार के सूर्यनमस्कार को गिनीज बुक में दर्ज कराने की मुहिम का चौतरफा विरोध होने लगा है और इसमें सबसे ताजा नाम है कांग्रेस के बड़बोल दिग्विजय सिंह का.

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दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘भ्रष्टाचार चरम सीमा पर हैं. जनता को खाद्य और बिजली नहीं मिल रही लेकिन मुख्यमंत्री जी विश्व रिकार्ड कायम करना चाहते हैं, सूर्यनमस्कार का विश्वरिकार्ड. जैसे कि यह कहीं दूसरे देशों में होता हो. यह केवल जनता को गुमराह करने की कोशिश हैं.’

उधर, मध्यप्रदेश सरकार के हजारों स्कूली विद्यार्थियों को एक साथ ‘सूर्य नमस्कार’ कराकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराने मुस्लिम नेताओं ने भी विरोध किया है. मुस्लिम नेताओं ने सूर्य के सामने झुकने को गैर इस्लामिक एवं ‘बुत’ पूजा बताकर इसका विरोध किया है.

प्रदेश के शीर्ष मौलवियों ने सूर्य नमस्कार के खिलाफ कल फतवा भी जारी कर दिया है. उनका आरोप है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार धीरे और घातक तरीके से प्रदेश में शिक्षा का भगवाकरण कर रही है. उन्होंने सरकार को आगाह किया कि यदि सरकार अपने सामूहिक सूर्य नमस्कार के कार्यक्रम पर आगे बढ़ेगी तो वे इसके खिलाफ अदालत में दस्तक देंगे.

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दूसरी ओर, स्कूल शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनिस ने कहा कि सामूहिक सूर्य नमस्कार में भाग लेना स्वैच्छिक है. उन्होंने कहा कि सूर्य न तो भगवा है और न ही हरा, इसका धर्म या धार्मिक रस्म या प्रथा से कोई लेना-देना नहीं है. सूर्य नमस्कार एक स्वास्थ्यप्रद योग क्रिया है और हम इसे थोप नहीं रहे हैं. यह सभी के लिए बाध्य नहीं है, जो लोग इसमें भाग नहीं लेना चाहते, वे खुशी से इसे छोड़ सकते हैं.

उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार एक स्वास्थ्यप्रद व्यायाम है, जिसे दुनियाभर के वैज्ञानिकों एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी माना है. हम चाहते हैं कि बच्चे स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं. इस मामले में यही हमारा एकमात्र उद्देश्य है.

मुस्लिम नेताओं का कहना है कि इस्लाम हमें किसी तस्वीर या त्रिआयामी वस्तु के सामने झुकने की इजाजत नहीं देता. विभिन्न संगठनों के मुस्लिम नेताओं ने कल यहां ‘कोआर्डिनेशन कमेटी फार इंडियन मुस्लिम यूनिट’ के तत्वावधान में मुस्लिम विद्यार्थियों से अपील की कि वे इस गैर इस्लामिक गतिविधि में हिस्सा नहीं लें. भोपाल में तीन शहर मुफ्तियों मोहम्मद अबुल कलाम कासमी, रईस अहमद खान कासमी एवं मुफ्ती सैयद बाबर हुसैन नादवी ने एक फतवा जारी किया, जिसे शहर काजी सैयद मुस्ताक अली नादवी ने अपनी मंजूरी दे दी है.

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जमात-ए-इस्लामी के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल लतीफ, समन्वय समिति के उपाध्यक्ष अब्दुल वहीद नकवी आदि मुस्लिम नेताओं एवं सोशल डेमोकेट्रिक पार्टी आफ इंडिया के अध्यक्ष साजिद सिद्दीकी ने कहा है कि मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने भी अपने 28 अगस्त 2009 के आदेश में कहा है कि सरकार विद्यार्थियों को सूर्य नमस्कार या प्राणायाम करने के लिए बाध्य नहीं कर सकती तथा किसी संस्थान की मान्यता इसलिए रद्द नहीं कर सकती कि उसके विद्यार्थियों ने इन व्यायामों को करने से इंकार कर दिया.

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