बिहार के मधुबनी में पुलिस द्वारा कथित रूप से की गई फायरिंग में तीन लोगों की मौत होने की घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित किया गया है. पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश उदय सिन्हा इस आयोग के अध्यक्ष होंगे.
बिहार मंत्रिमंडल के प्रभारी प्रधान सचिव विजय प्रकाश ने बुधवार को बताया कि न्यायमूर्ति सिन्हा के एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन कर दिया गया है. आयोग को पूरे मामले की जांच रिपोर्ट छह महीने के अंदर देने को कहा गया है.
उन्होंने बताया कि आयोग 12 अक्टूबर को मधुबनी में हुई हिंसात्मक घटनाओं की पृष्ठभूमि, पुलिस फायरिंग, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष परिस्थितियां और दायित्वों के निर्धारण की जांच करेगा. उन्होंने बताया कि इस जांच के प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद की मंगलवार को हुई बैठक में मंजूरी दी गई.
उल्लेखनीय है कि करीब एक महीने पूर्व 17 वर्षीय छात्र प्रशांत कुमार रहस्यमय ढंग से लापता हो गया था, इसके बाद दो अक्टूबर को पुलिस ने एक सिर कटा शव बरामद किया. प्रशांत के परिजनों ने उस शव की पहचान प्रशांत के रूप में की थी जबकि पुलिस उन्हें यह शव नहीं सौंप रही थी.
शव की मांग को लेकर प्रशांत के परिजनों ने समाहरणालय के समक्ष आमरण अनशन शुरू कर दिया था. इसके बाद 12 अक्टूबर को आक्रोषित लोगों ने मधुबनी में जमकर हंगामा किया और कई सरकारी कार्यालयों को फूंक दिया गया.
लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को गोली चलानी पड़ी जिससे तीन लोगों की मौत हो गई. इसके बाद प्रशांत और उसकी कथित प्रेमिका प्रीति को दिल्ली में बरामद कर लिया गया. प्रीति जिला परियोजना पदाधिकारी जगपत चौधरी की पुत्री है. लोग इनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे.
मधुबनी में फिर प्रदर्शन, मृतकों की संख्या 3 हुई
बिहार के मधुबनी जिले में शनिवार को प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल 24 वर्षीय एक युवक ने रविवार को दम तोड़ दिया. इसके बाद इस हिंसाग्रस्त इलाके में लोगों ने फिर से प्रदर्शन शुरू कर दिया. इन हिंसक प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या अब तीन हो गई है.