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पूर्व पुलिस महानिदेशक की संपत्ति जब्त करने का आदेश

बिहार की एक विशेष अदालत ने भ्रष्ट तरीके से संपत्ति जमा करने के मामले में बुधवार को पूर्व पुलिस महानिदेशक नारायण मिश्रा और उनके परिवार की करीब 1.40 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का फैसला सुनाया.

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बिहार की एक विशेष अदालत ने भ्रष्ट तरीके से संपत्ति जमा करने के मामले में बुधवार को पूर्व पुलिस महानिदेशक नारायण मिश्रा और उनके परिवार की करीब 1.40 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का फैसला सुनाया.

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विशेष न्यायाधीश रमेश चंद्र मिश्रा ने निगरानी जांच ब्यूरो की याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम 2010 के तहत पूर्व पुलिस महानिदेशक नारायण मिश्रा और उनके परिवार की संपत्ति जब्त करने का फैसला सुनाया.

अदालत ने मिश्रा की पटना में चार मंजिला इमारत, उनकी पत्नी कंचन मिश्रा के नाम पर एक फ्लैट, बहू रीता मिश्रा के नाम पर भूखंड और हजारीबाग में स्थित उनके एक रिश्तेदार का भूखंड जब्त करने का फैसला सुनाया.

वर्ष 2007 में निगरानी की विशेष टीम ने छानबीन के बाद मिश्रा के खिलाफ आय के ज्ञात स्रोत से अधिक 56.62 लाख रुपए की संपत्ति जमा करने का मामला दर्ज कराया था. बाद में आरोपपत्र में मिश्रा और उनके परिवार की आय 1.40 करोड रुपये आंकी गयी थी.

पूर्व आईएएस अधिकारी एसएस वर्मा और कोषागार सहायक गिरीश कुमार की संपत्ति जब्त होने के बाद अदालत के फैसले से अब मिश्रा की भी संपत्ति जब्त होने का रास्ता साफ हो गया है. राज्य के निगरानी ब्यूरो ने नौ जुलाई 2010 को अदालत से मिश्रा और उनके परिवार की संपत्ति जब्त करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था. निगरानी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अदालत ने मुंबई में स्थित मिश्रा और उनके परिवार के संयुक्त बैंक खाते पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया है.

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राज्य सरकार ने बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम के तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान शुरू कर रखा है. इसके तहत भ्रष्ट तरीके से संपत्ति जमा करने वाले लोगों के मकान जब्त कर उसमें स्कूल खोले जा रहे हैं. पटना में इस तरह के दो स्कूल खुल चुके हैं. रुकनपुरा में दलितों के एक प्राथमिक और कदमकुआं में बालिकाओं का आवासीय विद्यालय खोला गया है.

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