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ऊंची जाति के गरीबों को मिले आरक्षण: मायावती

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने ऊंची जाति के गरीबों के लिए आरक्षण की मांग करते हुए रविवार को कहा कि उन लोगों को आर्थिक आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए.

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मुख्यमंत्री मायावती
मुख्यमंत्री मायावती

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बसपा मुखिया और उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने सवर्ण समाज के लोगों को पार्टी से जोडने के लिए एक बार फिर सवर्णों को भी आर्थिक आधार पर आरक्षण दिये जाने की मांग दोहरायी है और कहा है कि बसपा इस दिशा में केन्द्र सरकार के किसी भी कदम का समर्थन करेगी.

मायावती ने यहां पार्टी के ब्राह्मण भाई-चारा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बसपा सवर्णो को भी आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की पक्षधर है और इस संबंध में मैं मुख्यमंत्री की हैसियत से प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र भी लिख चुकी हूं. उन्होंने बसपा विरोधी दलो पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव करीब आते देख विरोधी दल ब्राहमणों को बसपा से दूर करने के लिये भ्रामक प्रचार को तेज कर सकते हैं, जैसा कि वे पहले से ही चलाते रहे हैं. उन्होंने कहा कि विरोधी दल यह दुष्प्रचार कर सकते हैं, मैने दलित होने के नाते एक मुख्यमंत्री के रप में केवल अपनी जाति के लोगों को बढ़ावा दिया है, जो कि सरासर झूठ है.

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मायावती ने कहा कि मुख्यमंत्री के रप में मैंने पूरे प्रदेश को परिवार मानकर मुखिया की तरह काम किया है और जिस तरह परिवार का मुखिया सबसे कमजोर बच्चे को विशेष तरजीह देता है. हमने सदियों की जातिवादी व्यवस्था के कारण से पिछड़े रहे दलित समाज के लोगों को दिया है. उन्होंने कहा कि यह काम तो पूर्ववर्ती सरकारों को भी करना चाहिए था.

मायावती ने इस मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्र और उर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय के परिजनों को ही बसपा राज में बढ़ावा दिये जाने का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी और सरकार में लोगों को परिवार के आधार पर नहीं बल्कि पार्टी और उसकी नीतियों में उनकी निष्ठा के आधार पर बढ़ावा दिया है. बसपा मुखिया ने ब्राहमणों को विरोधी दलों खासकर कांग्रेस और भाजपा से सावधान करते हुए कहा कि जहां तक उन्हें जानकारी है. उत्तर प्रदेश में सरकार बनने पर कांग्रेस दिग्विजय सिंह और भाजपा राजनाथ सिंह को मुख्यमंत्री बनाने वाली है.

उन्होंने दावा किया कि हो सकता है कि मेरे इस खुलासे के बाद कांग्रेस और भाजपा मुख्यमंत्री पद के लिये ब्राहमण उम्मीदवार प्रोजेक्ट कर दें मगर ब्राहमणों को भ्रमित नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें कुछ मिलने वाला नहीं है. बसपा से पहले सत्ता में रही सभी राजनीतिक दलों की सरकारों पर ब्राहमणों का शोषण करने का आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि बसपा की ‘सर्वजन सुखाय, सर्वजन हिताय’ नीति में आस्था व्यक्त करते हुए ब्राहमण समाज पार्टी से जुड़ा और पार्टी में चाहे टिकट देने की बात रही हो अथवा सरकार में पद देने की, ब्राहमण और सवर्ण समाज के हितों का पूरा ख्याल रखा है.

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उन्होंने यह भी कहा कि बसपा विरोधी दलों की सरकार बन जाने पर सामंतवादी ताकते एक बार फिर समाज पर हाबी हो जायेगी और समाज के सभी वर्गो के गरीबों चाहे वह ब्राह्मण हो अथवा अन्य का शोषण शुरु हो जायेगा.

इससे पूर्व सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चन्द्र मिश्र ने बसपा मुखिया मायावती द्वारा ब्राहमण और सवर्ण समाज को पूरा सम्मान दिए जाने का उल्लेख करते हुए, उन्हें ‘कानून और न्याय की देवी’ करार दिया और ब्राहमण समाज से अपील की कि वे विरोधी दलों के दुष्प्रचार से प्रभावित हुए बिना बसपा के साथ जुड़े रहें. उन्होंने इस मौके पर ‘ब्राह्मण शंख बजायेगा, हाथी बढ़ता जायेगा‘ और ‘तिलक लगाओ हाथी पर, बाकी सब बैसाखी पर‘ जैसे नारे भी लगाये.

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