छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में नक्सलियों ने पुलिस जवानों पर घात लगाकर हमला कर दिया, जिसमें छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के पांच जवान शहीद हो गए हैं.
राज्य के पुलिस महानिरीक्षक नक्सल अभियान राजीव श्रीवास्तव ने बताया कि राजधानी रायपुर से लगभग तीन सौ किलोमीटर दूर नारायणपुर जिले के धौड़ाई थाना क्षेत्र के अंतर्गत झाराघाटी पुलिस शिविर के करीब नक्सलियों ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ सशस्त्र पुलिस बल के जवानों पर घात लगाकर हमला कर दिया जिसमें बल के पांच जवान शहीद हो गए हैं.
श्रीवास्तव ने बताया कि छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 16वीं बटालियन के पांच जवान गुरुवार सुबह अपने शिविर से कुछ दूरी पर स्थित गांव के करीब नित्यकर्म के लिए गए हुए थे. जवान जब गांव के करीब तालाब के पास पहुंचे तब नक्सलियों ने पुलिस जवानों पर घात लगाकर हमला कर दिया.
इस घटना में बल के हवलदार संतोष पहारे, आरक्षक चंदन सिंह, आरक्षक ताराचंद, आरक्षक राजेंद्र दीवान शहीद हो गए तथा आरक्षक संतोष यादव घायल हो गया. संतोष यादव ने बाद में इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया.
उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद हमलावर नक्सली पुलिस जवानों के करीब पहुंचे तथा उनसे एक एके 47 और एक इंसास रायफल लूट ली. इधर घटना की जानकारी मिलते ही शिविर में तैनात जवानों ने वहां मोर्चा सम्हाला और नक्सलियों पर जवाबी कार्रवाई की. सुरक्षा बल द्वारा जवाबी कार्रवाई के बाद नक्सली वहां से फरार हो गए.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बल के जवानों ने बाद में घायल जवान संतोष यादव को नारायणपुर अस्पताल पहुंचाया जहां इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. श्रीवास्तव ने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली है कि इस घटना को अंजाम देने के लिए लगभग डेढ़ सौ की संख्या में नक्सलियों ने पुलिस जवानों पर हमला किया तथा इस दौरान वे गांव के करीब ही छिपे हुए थे.
पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटनास्थल पहुंच गए तथा हमलावर नक्सलियों की खोज में नक्सल विरोधी अभियान तेज कर दिया गया है.
इधर राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने नारायणपुर जिले में नक्सली हमले की निंदा की है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इस हमले में राज्य पुलिस के पांच जवानों की शहादत पर गहरा दु:ख व्यक्त किया और उनके शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है.
रमन सिंह ने कहा कि हमारे इन बहादुर जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी. इस कायरतापूर्ण वारदात से एक बार फिर यह साबित हो गया है कि शांति, अहिंसा और लोकतंत्र में नक्सलियों की कोई आस्था नहीं है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वारदात के बावजूद सुरक्षा बलों के जवानों का मनोबल बहुत ऊंचा है और वे बस्तर अंचल की जनता को भय और आतंक से मुक्त करने तथा उस अंचल में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी दृढ़ता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करते रहेंगे.