पुरुषों के बीच समलैंगिकता को ‘बीमारी’ कहने संबंधी बयान पर समलैंगिक संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद को सफाई देनी पड़ी और उन्होंने कहा कि उनकी बात संदर्भ से परे देखी गयी और समाज के किसी वर्ग की भावनाओं को आहत करने का उनका कभी कोई इरादा नहीं रहा.
एड्स पर काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूएनएड्स ने भी आजाद की टिप्पणी पर असहमति जताते हुए कहा कि पुरुषों के बीच शारीरिक संबंध के आधार पर उनसे कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए.
समलैंगिक समर्थक कार्यकर्ताओं ने कहा कि आजाद का बयान ‘अवैज्ञानिक और अतार्किक’ है. संगठनों ने समाज की सोच में बदलाव की जरूरत पर जोर दिया.
समलैंगिकों और एचआईवी संक्रमित लोगों को समान अधिकार दिये जाने के लिये काम करने वाली संस्था नाज फाउंडेशन की अध्यक्ष अंजलि गोपालन ने कहा, ‘मैं कहूंगी कि वह इस संकीर्ण विचार को व्यक्त करते समय अपने निर्वाचन क्षेत्र के बारे में सोच रहे थे.’
इस बयान के खिलाफ बेंगलूर के टाउन हॉल की सीढ़ियों पर विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान कई कार्यकर्ता इंद्र धनुष के रंग वाले झंडे अपने हाथों में लिये हुए थे जो समलैंगिक संस्कृति का प्रतीक है .
समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ता अशोक कवि ने कहा, ‘यह बहुत गलत है लेकिन हम क्या कर सकते हैं. हम लोगों की सोच बदलने के लिए कुछ नहीं कर सकते.’ इस बहस के शुरू होने पर आजाद ने तत्काल एक प्रेस ब्रीफिंग आयोजित कर कहा, ‘समाज के किसी वर्ग की भावनाओं को आहत करने का मेरा कोई इरादा नहीं है. मैंने कभी समलैंगिकता या समलैंगिक और बीमारी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया और मैं एचआईवी का जिक्र कर रहा था जिसे उद्धृत नहीं किया गया.’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने केवल तकनीकी भाषा का इस्तेमाल किया और ‘समलैंगिक’ या ‘समलैंगिकता’ का इस्तेमाल नहीं किया जो सामान्य तौर पर इस्तेमाल में लाये जाते हैं.’ आजाद ने यह बात दोहराई कि देश में पुरुष से पुरुष के शारीरिक संबंध के मामले बढ़ रहे हैं और इस वर्ग में एचआईवी का प्रसार राष्ट्रीय औसत की तुलना में अधिक है.
उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी चिंता समलैंगिक पुरुषों के पक्ष में थी ना कि उनके खिलाफ.
समलैंगिक संबंधों को अप्राकृतिक कहे जाने के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा, ‘इस मुद्दे पर सब का अलग अलग रुख होता है. मैं किसी विवाद या बहस में नहीं पड़ना चाहता.’ उधर कांग्रेस ने आजाद के बयान से पल्ला झाड़ लिया. पार्टी प्रवक्ता शकील अहमद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘यह ऐसा मामला है जिस पर स्वास्थ्य मंत्री और सरकार को जवाब देना है. यह पार्टी का मामला नहीं बल्कि सरकार से जुड़ा मामला है.’