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आजादी ईश्वर का दिया अमूल्य अधिकार: सुप्रीम कोर्ट

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि आजादी ईश्वर का दिया अमूल्य अधिकार है, जिससे सरकार इनकार नहीं कर सकती

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सुप्रीम कोर्ट
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सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि आजादी ईश्वर का दिया अमूल्य अधिकार है, जिससे सरकार इनकार नहीं कर सकती. न्यायालय ने यह बात एक पाकिस्तानी नागरिक को सजा पूरी हो जाने के बाद भी लंबे समय तक जेल में रखे जाने पर जम्मू एवं कश्मीर सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कही.

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न्यायमूर्ति आर.एम. लोढ़ा और न्यायमूर्ति अनिल आर.दवे की पीठ ने कहा कि आजादी, मनुष्य को ईश्वर का दिया अमूल्य अधिकार है..और सरकार अपने नागरिकों (की उस आजादी) की संरक्षक है.

न्यायालय ने कहा, 'एक व्यक्ति की आजादी को हल्के में नहीं लिया जा सकता.'

न्यायालय ने राज्य की अतिरिक्त गृह सचिव दिलशाद को भी नोटिस जारी किया और पूछा कि हलफनामे में झूठा बयान देने के लिए उनके खिलाफ अवमानना का मामला क्यों न चलाया जाए. दिलशाद ने पाकिस्तानी को हिरासत में रखे जाने पर एक हलफनामा दाखिल किया था.

न्यायालय ने दिलशाद को अगली सुनवाई के दौरान भी उपस्थित रहने को कहा है.

न्यायालय ने निर्देश दिया कि पाकिस्तानी नागरिक सिकंदर आजम यदि किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हो तो उसे रिहा कर दिया जाए. अदालत ने कहा कि उसे दिल्ली ले जाया जाए और वहां एक सेवा सदन में रखा जाए.

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आजम को 29 जुलाई 2008 को हिरासत में लिया गया था. उसे 29 जून 2010 को दोषी करार दिया गया और तीन साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई तथा 3,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.

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