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फ्रांस के राष्ट्रपति सारकोजी पत्नी ब्रूनी संग 4 दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे |

फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी चार दिवसीय भारत दौरे पर बैंगलोर पहुंचे. उनकी पत्नी कार्ला ब्रूनी और एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल सारकोजी के साथ हैं.

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फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी चार दिन की भारत यात्रा पर बैंगलोर पहुंचे. इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष और असैनिक परमाणु सहयोग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के प्रयास किये जायेंगे.

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भारत की यात्रा पर सारकोजी के साथ उनकी मॉडल-गायिका पत्नी कार्ला ब्रूनी और उच्चतरीय शिष्टमंडल भी साथ आया है. इस शिष्टमंडल में उनके कैबिनेट के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल है.

यहां आने पर सारकोजी, कार्ला ब्रूनी और शिष्टमंडल ने लीला पैलेस होटल में थोड़ी देर आराम किया. बेंगलूर में उनकी यात्रा का मुख्य आकषर्ण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में उनका संबोधन है.

सारकोजी की इसरो यात्रा के दौरान भारत-फ्रांस अंतरिक्ष सहयोग परियोजनाओं, मेघा ट्रापिक्स और एसएआरएएल (सरल) जैसे विषयों पर ध्यान दिया जायेगा.

मेघा ट्रापिक्स का इसरो और फ्रांस की अंतरिक्षण एजेंसी के सहयोग से विकास किया जा रहा है और इसे 2011 में प्रक्षेपित किये जाने की उम्मीद है. इसरो-सीएनईएस मिशन के तहत अगले वर्ष सरल को भी प्रक्षेपित किये जाने की संभावना है. {mospagebreak}

इसरो आने पर सारकोजी भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के उच्च अधिकारियों के साथ संक्षिप्त बातचीत भी करेंगे. जबकि कार्ला ब्रूनी के होटल में समय बिताने की उम्मीद है.

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उनकी पत्नी कार्ला ब्रूनी और एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल सारकोजी के साथ हैं. प्रतिनिधिमंडल में सारकोजी कैबिनेट के कई मंत्री, आला अधिकारी, व्यवसायी और पत्रकार भी शामिल हैं.

सारकोजी की यह यात्रा इसरो के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात करने और इसरो परिसर का दौरा करने के साथ शुरू होगी.

अपनी यात्रा के दौरान सारकोजी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से वार्ता करेंगे और अपनी व्यवस्तताओं के बीच आगरा में स्थित ताज महल की भी सैर करेंगे.

सारकोजी की यात्रा के दौरान कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना भी है.

उनकी यह यात्रा दोनों देशों के बीच रणनीतिक और आर्थिक संबंध मजबूत करने के अलावा दोनों देशों को कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने के लिये एक अवसर भी उपलब्ध करायेगी. इन मुद्दों में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में सुधार, जी 20 मंच, जलवायु परिवर्तन और परमाणु अप्रसार जैसे विषय शामिल हैं.

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