लीबियाई नेता मुअम्मर गद्दाफी ने इस बात के संकेत दिए हैं कि अगर विद्रोहियों की अंतरिम परिषद उन्हें मुंह मांगी रकम देने और उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा न चलाने का आश्वासन देती है तो सत्ता और देश छोड़ने के लिए तैयार हैं. गद्दाफी बीते 41 वर्षों से सत्ता में बने हुए हैं.
ब्रिटिश समाचार पत्र ‘डेली मेल’ ने अलजजीरा के हवाले से खबर दी है कि गद्दाफी सत्ता परिवर्तन के संदर्भ में लीबियाई संसद की बैठक बुलाने पर सहमत हो गए हैं. सत्ता छोड़ने के लिए उनकी शर्त भारी मात्रा में नकदी और आपराधित मुकदमों से मुक्ति का आश्वासन हो सकती है.
उधर, बेंगाजी स्थित विद्रोहियों की अंतरिम परिषद ने कज्जाफी के सम्मानजनक विदाई के प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि ऐसा करना इस तानाशाह के जुल्मों का शिकार हुए लोगों का अपमान होगा. खबरों में कहा गया है कि गद्दाफी ने पूर्व प्रधानमंत्री जादल्लाह अजौज तल्ही को व्रिदोहियों से मुलाकात करने के जिए भेजा है ताकि समझौते के किसी मसौदे पर सहमति बन सके.
प्रस्ताव के मुताबिक गद्दाफी सत्ता की कमान लीबिया की ‘जनरल पीपुल्स कांग्रेस’ को सौंपेगे. अंतरिम परिषद से जुड़े एक सूत्र ने बताया, ‘यह सुनने को मिला है कि दूसरे पक्ष ने प्रस्ताव दिया है कि गद्दाफी भारी-भरकम रकम की एवज में सत्ता संसद के प्रमुख को सौंप देंगे और देश भी छोड़कर चले जाएंगे. परिषद के नजरिए से रकम की मांग बड़ी बाधा साबित हो सकती है.’
विद्रोहियों के एक अधिकारी अहमद जाबरील ने बताया, ‘तल्ही से मेरी निकटता है. और पूरे लीबिया में उन्हें खासी इज्जत हासिल है. हमने साफ कर दिया है कि कोई बातचीत इस बुनियाद पर होनी चाहिए कि गद्दाफी सत्ता छोड़ेंगे. इसके इतर कोई समझौता नहीं होगा.’ गद्दाफी के पुत्र सादी ने चेतावनी दी है कि अगर उनके पिता सत्ता छोड़ते हैं तो लीबिया में गृह युद्ध छिड़ जाएगा.