संकट से घिरे लीबिया के राष्ट्रपति मुअम्मर गद्दाफी ने अपने 41 साल के शासन काल के खिलाफ जबर्दस्त विद्रोह के लिए अलकायदा को दोषी ठहराया और सत्ता पर अपनी पकड़ बरकरार रखने के लिए आज जद्दोजहद करते दिखे जबकि शासन विरोधी प्रदर्शनकारियों ने राजधानी त्रिपोली को घेरना शुरू कर दिया है.
समर्थन जुटाने के प्रयास के तहत एक सप्ताह में तीसरी बार तीसरी बार सार्वजनिक तौर पर सामने आए गद्दाफी ने सरकारी टीवी पर कहा कि उनके शासन के खिलाफ विद्रोह मिस्र और ट्यूनीशिया की भांति लोगों का विद्रोह नहीं है बल्कि यह ओसामा बिन लादेन के संगठन से प्रेरित है. गद्दाफी लगातार अलग थलग पड़ते जा रहे हैं.
लगातार बढ़ रहे संघर्ष के बीच पूर्व का काफी हिस्सा विपक्षियों के नियंत्रण में चला गया है जबकि अन्य क्षेत्रों में अराजकता फैलती जा रही है. सैन्य अधिकारियों के विपक्ष में शामिल होने से विद्रोह की लपटें राजधानी त्रिपोली के नजदीक पहुंचती जा रही हैं. पिछले 10 दिनों की अशांति में 300 से अधिक लोगों की जान चली गयी है.
बीबीसी की खबरों के मुताबिक त्रिपोली से करीब 120 किलोमीटर दूर जौरा शहर विपक्षियों के हाथ में जाने वाला एक और शहर बन गया है.
मंगलवार को गद्दाफी ने त्रिपोली में अपने घर के बाहर से संबोधित दिया था लेकिन आज उन्होंने अज्ञात स्थान से टेलीफोन पर भाषण दिया. टेलीफोन पर भाषण देने से उनके ठिकाने को लेकर प्रश्न उठने लगे हैं.