दुनिया के गिने-चुने तानाशाहों में शुमार कर्नल मुअम्मर गद्दाफी की मुठभेड़ में मौत हो गई है. खबरों के मुताबिक गद्दाफी की मौत लीबिया में उनके गृहनगर सिरते में हुई.
इससे ठीक पहले ऐसी खबरें आईं कि गद्दाफी के दोनों पैरों में गोलियां लगने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया. बाद में अल-जजीरा चैनल ने गद्दाफी के मारे जाने की पुष्टि कर दी. उनके गृहनगर सिरते पर पूरी तरह से विद्रोहियों का कब्जा हो चुका है.
मुठभेड़ में गद्दाफी के सेना प्रमुख की भी मौत हो गई है, जबकि उसके प्रवक्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है.
लीबिया के पूर्व तानाशाह को आखिरकार विद्रोही सेना ने लंबे संघर्ष के बाद मार गिराया गया. इस तरह से 1969 से लीबिया की सत्ता पर काबिज रहने वाले तानाशाह गद्दाफी का अंत हो गया. त्रिपोली और सिरते शहर में राष्ट्रीय गान गाए जा रहे हैं. वहां अभी भी चारों ओर गोलियां चल रही हैं.
इस तरह से लीबिया में सरकार संचालित कर रही नेशनल ट्रांजिशनल काउंसिल (एनटीसी) के लड़ाकों ने बड़ी कामयाबी हासिल की. मुअम्मर गद्दाफी के गृहनगर सिरते पर कब्जा कर लेने के बाद एनटीसी समर्थक लड़ाके जश्न मनाते देखे गए. वे हवा में गोलियां चला रहे थे और राष्ट्रगान गा रहे थे.
पिछले कुछ दिनों से सिरते में एक विशेष इलाके तक ही लड़ाई सीमित हो गई थी. अब इस क्षेत्र भी में एनटीसी के लड़ाकों ने नियंत्रण कर लिया. खुशी में झूम रहे एनटीसी लड़ाकों ने अंगुलियों से ‘विजय’ का चिह्न दिखाया.
लड़ाके ‘अल्ला हो अकबर’ (खुदा सबसे बड़ा है) के नारे लगाए और झंडा लहराया. लड़ाके हाथ से चांदी की पट्टिका लहराते हुए देखे गये. कई ने पटाखे भी चलाए. एनटीसी के एक सदस्य हसन द्राउबा ने कहा, ‘‘हमारे सुरक्षा बलों ने सिरते पर कब्जा कर लिया है. शहर को आजाद करा लिया गया है.’’