बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गये हैं. एक नेशनल अखबार ने गडकरी के नियंत्रण वाली कंपनी पूर्ति में भारी गड़बड़ी का दावा किया है.
अखबार के मुताबिक पूर्ति में फंड्स का बहुत बड़ा हिस्सा कंस्ट्रक्शन कंपनी आइडियल रोड बिल्डर्स (आईआरबी) ने लोन के रुप में दिया है. आईआरबी वही कंपनी है जिसे गडकरी के महाराष्ट्र में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहने के दौरान कई बड़े ठेके मिले थे. जिनमें मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे समेत कई सड़कों के ठेके शामिल थे. आईआरबी के अलावा पूर्ति में 16 कंपनियों के शेयर हैं. इनमें से ज्यादातर कंपनियों का पता संदिग्ध हैं. अखबार ने दावा किया है कि पूर्ति ग्रुप की 5 शेयरहोल्डर्स कंपनियों का पता अंधेरी-कुर्ला रोड के स्लम एरिया का है जबकि चार कंपनियों का पता झुग्गीवासियों के लिए बनाई जा रही एक बिल्डिंग का दिया गया है.
खास बात यह है कि ये कंपनियां गडकरी के करीबी सहयोगियों की हैं. यही नहीं पूर्ति में इन्वेस्ट करने वाली कंपनियों में गडकरी के ड्राइवर और अकाउंटेंट ही डायरेक्टर हैं. एक कंपनी का डायरेक्टर गडकरी के बेटे के दोस्त भी हैं.
गडकरी की कंपनी पूर्ति पर खुलासे के बाद बीजेपी के नेता ज्याद कुछ कहने से बच रहे हैं. पार्टी प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि इस मामले में पार्टी पहले ही स्पष्टीकरण दे चुकी है.
गडकरी से कोई बिजनेस रिलेशन नहीं: आईआरबी
नितिन गडकरी के नियंत्रण वाली कंपनी पूर्ति को लोन देने वाली कंपनी आईआरबी ने सफाई दी है. कंपनी के मुताबिक आईआऱबी का बीजेपी अध्यक्ष से किसी भी तरह का कोई बिजनेस रिलेशन नही है. जहां तक बात पूर्ति को लोन देने की है तो कंपनी ने वहां पैसा बेहतर रिटर्न के लिए लगाया है. साथ ही कंपनी ने ये साफ किया है कि आईआरबी ने पूर्ती को 2001 में लोन दिया था जब नितिन गडकरी महाराष्ट्र में मंत्री नहीं थे.