भाजपा के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने राजनीति के ‘दूषित हिस्से’ को साफ करने के लिए पीढ़ीगत बदलाव का आह्वान करते हुए उस कहावत से असहमति जतायी जिसमें कहा जाता है कि ‘ओल्ड इज गोल्ड’ यानि पुरानी चीजें हमेशा बेशकीमती होती हैं.
उन्होंने कहा कि युवाओं में भी काफी कुछ करने की क्षमता है. गडकरी ने संघ के विचारक दीनदयाल उपाध्याय पर एक पुस्तक का विमोचन करते हुए कहा, ‘वर्तमान समय में सबसे दूषित क्षेत्र राजनीति है और इसके लिए व्यक्ति नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियां जिम्मेदार हैं.’
उन्होंने कहा, ‘अंग्रेजी की कहावत ‘ओल्ड इज गोल्ड’ सही नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि कोई मुझे यह कहते हुए गाय का सम्मान करने को कहेगा कि उसमें 36 करोड़ देवता निवास करते हैं तो में उससे कहूंगा, दिखाओ कहां हैं.’ उन्होंने कहा, ‘नई पीढ़ी की मन:स्थिति को समझने की कोशिश होनी चाहिए. उनमें काफी कुछ करने की क्षमता है. यदि वे ठीक से काम नहीं कर रहे हैं तो यह उनकी नहीं बल्कि हमारी गलती है.’