अभिनेता राजनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी की नयी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आलोचना करते हुए कहा है कि कुछ काबिल लोगों को इसमें शामिल नहीं किया गया है.
पदाधिकारियों की घोषणा होने के दो दिन बाद सिन्हा ने गुरुवार को इस बात को खारिज कर दिया कि वह किसी पद के लिए दावेदार थे लेकिन उन्होंने कहा कि पार्टी के दिग्गज और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को टीम में शामिल किया जाना चाहिए था.
उन्होंने कहा, ‘निकट भविष्य में बिहार विधानसभा के लिए होने वाले चुनाव पार्टी के लिए बहुत निर्णायक हैं, फिर भी यशवंत सिन्हा जैसी काबिलियत वाले नेता को टीम से बाहर रखा गया है. कुछ योग्य लोगों की जगह पर ऐसे लोगों को टीम में लिया गया है, जिन्हें छोड़ जा सकता था.’ शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, ‘मेरी मित्र और विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज एवं कुछ अन्य शीर्ष नेताओं के परामर्श के बिना टीम का गठन किया गया.’
उन्होंने कहा, ‘एक वरिष्ठ और परिपक्व नेता होने के नाते मैं कोई भी टिप्पणी करके पार्टी का अनुशासन नहीं तोड़ना चाहता लेकिन मैं कार्यकारिणी के गठन को लेकर चिंतित हूं और काफी हद तक नाखुश भी हूं.’ शत्रुघ्न सिन्हा ने गडकरी की टीम को ‘पुरानी बोतल में नयी शराब’ की संज्ञा दी. हालांकि सिन्हा ने पार्टी महासचिव बनाये गये रविशंकर प्रसाद का नाम तो नहीं लिया लेकिन पार्टी के नेताओं का कहना है कि अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बिहार के प्रसाद को इतने वरिष्ठ पद पर चुने जाने से शत्रुघन खुश नहीं हैं.
सूत्रों का कहना है कि सिन्हा बिहार चुनावों में खुद के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका चाहते हैं. गडकरी के बारे में सिन्हा ने कहा, ‘मैंने गडकरी को हमेशा छोटे भाई और दोस्त की तरह माना है. लेकिन निजी तौर पर कहूं तो नयी टीम का गठन दुर्भाग्यपूर्ण है और मैं थोड़ा नाखुश हूं.’ इस मुद्दे को पार्टी स्तर पर उठाने के सवाल पर उन्होंने ‘नहीं’ में जवाब दिया और कहा कि, ‘अधिकतर पार्टी नेता नाखुश हैं लेकिन समय है और हम इंतजार करेंगे और देखेंगे.’