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कांडा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित

हरियाणा के फरार पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा की अग्रिम जमानत याचिका का पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में विरोध किया. पुलिस ने कहा कि गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले के षड्यंत्र का खुलासा करने के लिए हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ जरूरी है.

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हरियाणा के फरार पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा की अग्रिम जमानत याचिका का पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में विरोध किया. पुलिस ने कहा कि गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले के षड्यंत्र का खुलासा करने के लिए हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ जरूरी है.

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अभियोजन पक्ष ने कांडा के व्यवहार पर भी सवाल खड़े किए जो फिलहाल फरार हैं और जिन्होंने लैपटॉप एवं कंप्यूटर सहित सभी उपकरणों को अपने कार्यालय से हटा दिया है. अतिरिक्त सोलीसीटर जनरल (एएसजी) सिद्धार्थ लूथरा ने न्यायमूर्ति पी. के. भसीन के समक्ष कहा, ‘आरोपी (कांडा) और उनकी कर्मचारी अरुणा चड्ढा को शर्मा के खिलाफ षड्यंत्र का पता लगाने के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ किया जाना जरूरी है.’

न्यायाधीश ने कांडा की अग्रिम जमानत पर फैसला सुरक्षित रखा लिया. एएसजी ने कहा कि हरियाणा के पूर्व मंत्री नोटिस जारी किए जाने के बावजूद फरार हैं. जांच अभी प्रारंभिक चरण में है. उसने कांडा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने की मांग की. लूथरा ने कहा, ‘जांच में शामिल नहीं होने के उनके आचरण और कार्यालय से उनके लैपटॉप और कंप्यूटर सहित सभी इलेक्ट्रानिक उपकरण हटाने को देखते हुए.. यह अग्रिम जमानत खारिज करने का मामला है.’

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कांडा की तरफ से उपस्थित होते हुए वरिष्ठ वकील के टी एस तुलसी ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) का मामला दर्ज नहीं है. तुलसी ने कहा, ‘प्राथमिकी और स्युसाइड नोट के आधार पर प्रथमदृष्ट्या कांडा के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं है.

स्युसाइड नोट से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता और निष्पक्ष जांच से यही साबित किया जाना है.’ कांडा ने अग्रिम जमानत के लिए सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और कहा था कि शर्मा ‘काफी संवेदनशील’ थीं और आत्महत्या का कारण ‘उनकी दिमागी स्थिति ठीक नहीं होना और निराश होना’ है.

कांडा पर शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है जो बंद हो चुकी एयरलाइन एमडीएलआर में विमान परिचारिका थीं. निचली अदालत के नौ अगस्त के फैसले को चुनौती देते हुए कांडा ने कहा कि शर्मा अपनी निजी जिंदगी और काम में संतुलन नहीं बना पाती थीं. निचली अदालत ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था.

पूर्व मंत्री ने कहा था कि स्युसाइड नोट भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा दस के तहत स्वीकार्य नहीं है क्योंकि इसमें मृत्यू पूर्व बयान की बात शामिल नहीं है. उन्होंने दावा किया कि वह एक सम्मानित नागरिक हैं और गुड़गांव में उनकी संपत्ति है. कांडा ने अपनी याचिका में कहा कि उनके फरार होने या सुनवाई में विलंब कराने की कोई संभावना नहीं है. 23 वर्षीय शर्मा पांच अगस्त को उत्तर-पश्चिम दिल्ली के अपने फ्लैट में पंखे से लटकती पाई गई थीं.

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