तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर ममता बनर्जी नीत तृणमूल जैसे दलों का दबाव नहीं होता तो खुदरा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश लाने, डीजल के दामों में वृद्धि करने और घरेलू गैस सिलेंडरों की संख्या सीमित करने के फैसले पहले ही ले लिये जाते.
आजाद ने कहा, ‘अगर ममता के नेतृत्व वाली पार्टी जैसे दलों की ओर से दबाव नहीं होता तो ऐसे फैसले पहले ही ले लिये जाते और अर्थव्यवस्था बेहतर होती.’
तृणमूल कांग्रेस द्वारा समर्थन वापसी के बाद संप्रग सरकार पर किसी तरह के खतरे की संभावना को खारिज करते हुए आजाद ने कहा, ‘हमारी सरकार को लोकसभा में 300 से अधिक सांसदों का समर्थन है जिनमें अंदर से और बाहर से सहयोग दे रहीं पार्टिंयों के सदस्य शामिल हैं.’
सरकार को संसद में साधारण बहुमत के लिए 545 सदस्यीय सदन में कम से कम 273 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होती है.
जम्मू कश्मीर के पूर्व राजा महाराज हरि सिंह की 117वीं जयंती पर आयोजित समारोह आजाद ने केंद्र सरकार के फैसलों का बचाव करते हुए कहा कि हर देश को अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए कठोर कदमों की जरूरत होती है.
उन्होंने कहा, ‘यह मजबूत कदम देश के लिए बेहतर होगा.’ आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं अगर ये कदम नहीं उठाये जाते तो देश के सामने 1991 जैसे हालात आ जाएंगे जब सोना गिरवी रखना पड़ा था.
उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ सालों में वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने मंदी की चुनौती के बावजूद भारत ने आर्थिक मोर्चे पर अच्छा काम किया है.’