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घर जाने की तरह है मुंबई जाना: रश्दी

बुकर पुरस्कार से सम्मानित भारतीय मूल के लेखक सलमान रश्दी मानते हैं कि मुंबई जाना उनके लिए अपने घर जाने के समान है.

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बुकर पुरस्कार से सम्मानित भारतीय मूल के लेखक सलमान रश्दी मानते हैं कि मुंबई जाना उनके लिए अपने घर जाने के समान है.

रश्दी न्यूयार्क में रहकर काफी लिख चुके हैं. समाचारपत्र द आब्जर्वर ने जब उनसे पूछा कि आप कहां जाकर घर जैसा महसूस करते हैं, तो रश्दी ने कहा, ‘घर के बारे में मेरे विभिन्न विचार हैं और मुझे नहीं लगता कि मैं उनमें से किसी एक को चुन पाउंगा. मुंबई जाने पर मुझे हमेशा लगता है कि मैं घर जा रहा हूं.’

उन्होंने कहा, ‘लंदन ऐसी जगह है जहां में किसी भी अन्य जगह की तुलना में सबसे अधिक रहा हूं. मेरे बच्चे और मेरी बहन भी यहीं रहते हैं.’

रश्दी ने कहा, ‘और मैं न्यूयार्क में भी घर की तरह महसूस करता है. यह जगह लिखने के लिए अच्छी है और यह भी महत्वपूर्ण बात है कि लोग यहां बेहद मेहनत से काम करते हैं.’

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यह पूछे जाने पर कि वह फिर से शादी करना चाहते हैं, उन्होंने कहा, ‘मैं साढ़े चार साल से विवाहित नहीं हूं. यह बेहतर है. लोग मुझसे कहते हैं कि मैं लाइलाज रूमानी व्यक्ति हूं लेकिन शायद अंतत: मेरा इलाज हो गया.’ रश्दी अपनी चौथी पत्नी पद्मा लक्ष्मी से भी अलग हो चुके हैं.

विवादास्पद रह चुके लेखक ने कहा, ‘मुझे यह भी लगता है कि यदि मैंने फिर शादी का प्रयास किया तो मेरे बच्चे मेरे पैरों में कील ठोंक देंगे.’

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