सरकार लोकसभा में आज लोकपाल बिल पेश करने जा रही है. लेकिन टीम अन्ना सरकारी बिल से खुश नहीं हैं. रालेगण सिद्धि में अन्ना हजारे ने कहा, 'इस बिल से जनता का लाभ नहीं होगा और यह बिल निकम्मा है.
अन्ना ने सिटीजन चार्टर पर भी वार करते हुए कहा कि अगर कोई नागरिक शिकायत करता है तो वह शिकायत ऑफिसर के पास जाएगा. अगर उसे वहां पर न्याय नहीं मिला तो वह दूसरे ऑफिसर के पास जाएगा और अगर उसे वहां पर भी न्याय नहीं मिला तो वह राज्य में जाएगा. अगर राज्य में भी उस व्यक्ति की शिकायत को नहीं सुना जाता है तो वह केंद्र में बैठे ऑफिसर के पास जाएगा. ऐसे में क्या लोगों को इंसाफ मिल पाएगा. यह मजबूत नहीं मजबूर बिल है.
अन्ना ने कहा कि लोकपाल बिल देश की गरीब जनता का बिल है जिन्हे इंसाफ के लिए ग्रुप सी के कर्मचारियों के पास जाना पड़ता है लेकिन सरकार ने इन कर्मचारियों को सीवीसी के अंदर रखा जो उसके ही नियंत्रण में होगी. ऐसे में लोगों को भ्रष्टाचर से मुक्ति कहां से मिलेगा. लोकपाल बिल को मजबूत बताने वाली सोनिया गांधी पर टिप्पणी करते हुए अन्ना ने कहा कि अगर वह मानती है कि यह मजबूत है तो मीडिया के सामने इस पर बहस करे और बताए कि यह मजबूत बिल कैसे है.
अन्ना ने एक बार फिर से आवाज बुलंद करते हुए कहा कि मेरा जेल भरो आंदोलन राहुल गांधी के घर से सामने से शुरू होगा. अन्ना ने कहा कि सरकार बहरी बन गई है और उसे जनता की आवाज सुनाई नहीं देती.
अन्ना हजारे ने अपने निवास पर पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'यह विधेयक बेकार है. जब तक आप सीबीआई को इसके दायरे में नहीं लाते तब तक लोकपाल विधेयक का उद्देश्य पूरा नहीं होगा.' उन्होंने कहा कि वह 27 से 29 दिसम्बर तक तीन दिनों की भूख हड़ताल करेंगे और उसके बाद जेल भरो आंदोलन आरम्भ करेंगे. अन्ना ने कहा कि वह खुद सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आवास के बाहर धरने पर बैठेंगे और गिरफ्तारी देंगे. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि उसमें भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की इच्छाशक्ति नहीं है.