सरकार ने 12वीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) दस्तावेज के मसौदे को मंजूरी दे दी. इसमें 8.2 प्रतिशत की सालाना औसत आर्थिक विकास दर का लक्ष्य तय किया गया है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया. बैठक के बाद वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने संवाददाताओं को बताया कि कैबिनेट ने 12वीं योजना दस्तावेज के मसौदे पर चर्चा की. चर्चा के बाद इसे मंजूरी प्रदान की गयी.
इस दस्तावेज को 15 सितंबर को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई योजना आयोग की पूर्ण बैठक में पहले ही मंजूरी मिल चुकी है.
चिदंबरम ने बताया कि अब इस दस्तावेज को अंतिम मंजूरी के लिए निर्णय लेने वाली शीर्ष संस्था राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) के पास भेजा जाएगा.
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले एनडीसी में सभी कैबिनेट मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल होते हैं. पांच साल तक चलने वाले नीतिगत दस्तावेज को मंजूरी देने वाली अंतिम इकाई एनडीसी ही है.
चिदंबरम ने कहा कि 12वीं योजना में सालाना विकास दर के आंकड़े को 8.2 प्रतिशत रखा गया है.
उल्लेखनीय है कि मौजूदा वैश्विक समस्याओं के मद्देनजर यह लक्ष्य कम किया गया है जबकि 12वीं योजना के एप्रोच पेपर में इसे नौ प्रतिशत रखने का प्रस्ताव था.
भारत ने 11वीं योजनावधि के दौरान 7.9 प्रतिशत की वार्षिक औसत विकास दर हासिल की है. यह हालांकि 11वीं योजना के प्रस्तावित लक्ष्य नौ प्रतिशत से कम है.
अन्य बातों के अलावा 12वीं योजना में कृषि क्षेत्र की औसत वृद्धि दर चार प्रतिशत हासिल करने का लक्ष्य तय किया गया है. विनिर्माण क्षेत्र के लिए दस प्रतिशत का लक्ष्य है.