भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने भारत सरकार पर आरोप लगाए हैं कि सरकार भ्रष्टाचार पर काबू पाने में विफल रही है और न ही सरकार ने संयुक्त राष्ट्र के भ्रष्टाचार के खिलाफ व्यापक संधि का अनुमोदन किया है.
आडवाणी ने अपने ब्लॉग पर लिखा है, ‘संसद का मौजूदा सत्र भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केंद्रित है. बहुत से लोग यह नहीं जानते होंगे कि साल 2004 में संयुक्त राष्ट्र के मादक पदार्थ और अपराध कार्यालय ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक व्यापक संधि का दस्तावेज जारी किया था. भ्रष्टाचार के खिलाफ इस संधि के अनुच्छेद 67 के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को इस पर दिसंबर, 2005 तक हस्ताक्षर करने थे.’
आडवाणी के मुताबिक, ‘हर साल हमारे देश से सांसदों का एक समूह संयुक्त राष्ट्र की कार्यवाही में भाग लेने के लिए वहां जाता है. इस साल भाजपा के एक सांसद शांता कुमार भी वहां गए थे. कुमार ने भाजपा संसदीय दल की बैठक में बताया कि इस संधि पर अब तक 140 देशों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं और 14 ने अब तक इसका अनुमोदन नहीं किया है और मुझे यह बताते हुए दु:ख हो रहा है कि भारत भी उन 14 में शामिल है.’ {mospagebreak}
आडवाणी ने लिखा है कि स्विस बैंक ऐसोसिएशन के मुताबिक यूनियन बैंक ऑफ स्विट्जरलैंड में काला धन जमा कराने वालों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा है. आडवाणी के मुताबिक, ‘भाजपा लंबे समय से इस काले धन के खिलाफ अभियान चला रही है. इस साल हमने इस मामले पर शोध करने के लिए चार सदस्यीय कार्यबल बनाया.’
भाजपा नेता ने लिखा है, ‘लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि अपने कार्यकाल के शुरूआती 100 दिन में वह विदेशी बैंकों में जमा काले धन के मामले में ठोस कार्रवाई करेंगे. सरकार बने हुए 500 से भी ज्यादा दिन हो गए हैं, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है. इसका एकमात्र कारण राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है.’
आडवाणी ने कहा है, ‘इस बात में भी कोई आश्चर्य नहीं है कि अब तक यूएन कंवेशन अगेंस्ट करप्शन का अनुमोदन भी नहीं किया गया है. संसद दो सप्ताह से भी ज्यादा समय से चल नहीं रही है, लेकिन सरकार पूरे विपक्ष की इस मांग को मानने के लिए तैयार नहीं है कि हाल ही में जाहिर हुए घोटालों के मामले में जेपीसी से जांच कराई जाए.’
आडवाणी ने देश की ओर से आशा व्यक्त करते हुए कहा है कि भारत सरकार ‘यूएन कंवेशन अगेंस्ट करप्शन का अनुमोदन करे, हाल ही में सामने आए घोटालों की जेपीसी जांच कराए, दोषियों को सजा दे और अंत में डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा चुनाव अभियान के दौरान किया यह वादा पूरा करे कि विदेशी बैंकों में जमा हमारे देश का काला धन वापस देश में लाया जाएगा.’